श्रेयस ने कहा- इंडिया-ए में खेलने से मिली मदद
श्रेयस अय्यर ने बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अपने करियर का पहला शतक जड़ा। इसकी तारीफ तमाम दिग्गज कर रहे हैं। हालांकि इस मैच में भारत को न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा। टीम इंडिया 348 रन के विशाल लक्ष्य का बचाव नहीं कर पाया। अय्यर ने अब तक खेले 16 मैचों में एक शतक और छह अर्धशतक तथा 48 से भी अधिक की औसत से रन बनाए हैं। अय्यर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इंडिया-ए के लिए उन्होंने हमेशा चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की। परिस्थितियों के अनुसार उन्हें वहां भी क्रम में बदलाव करते रहना पड़ता था। वह इंडिया-ए के लिए अधिकतर तीसरे से पांचवें स्थान के बीच खेलते थे। अय्यर ने कहा कि उन्हें वहां अच्छा अभ्यास मिला। इस वजह से आप हालात के आदी हो जाते हैं।
अय्यर ने साथ में यह भी कहा कि टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करने के लिए उन्हें मौकों का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सीखने के लिहाज से उनके लिए इंडिया-ए टीम के दौरे काफी अहम थे। अय्यर ने कहा कि निजी तौर पर उनके लिए भारत ए के मैच काफी अहम रहे, क्योंकि जब भी वह इंडिया-ए के साथ कहीं जाते तो यह सुनिश्चित करते थे कि मिले इन मौकों का वह सर्वश्रेष्ठ फायदा उठाएं। उन्होंने कहा कि इंडिया-ए के खिलाड़ी और शानदार थे और माहौल भी अच्छा था, क्योंकि वहां आप पर कोई दबाव नहीं होता।
शतक बनाने के बाद भी निराश
हैमिल्टन वनडे में शतक लगाने के बाद भी अय्यर निराश दिखाई दिए। उनहोंने कहा कि वह खुश हैं, लेकिन तब और खुश होता अगर हम जीत के साथ इस मैच को खत्म करते। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यह कई शतकों में से उनका पहला शतक हो। उन्होंने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि अगली बार हमारी टीम जीते। उन्होंने अपनी पारी के बारे में कहा कि विकेट पर गेंद रुक-रुक कर आ रही थी, लेकिन विकेट पर असमान उछाल नहीं था। इसलिए हमने फैसला लिया कि हमें साझेदारी बनानी होगी।
श्रेयस अय्यर ने टीम इंडिया की हार की वजह बताते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए विकेट और बेहतर हो गया था। गेंद बल्ले पर आ रही थी और ओस ने भी इस मैच में अहम भूमिका निभाई। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कीवी टीम के बल्लेबाजों ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की और आपको जीत का श्रेय उन्हें देना होगा।