उनकी बैटिंग को देख साल 2014 याद आ गया । वर्ष 2014 के इंग्लैंड दौरे के बाद जब कोहली बुरे दौर से गुजर रहे थे तब सचिन ने उनकी भरपूर मदद की थी। विराट का इस इंग्लैंड दौरे में बैटिंग औसत सिर्फ 13.40 का रहा था और स्विंग करती गेंदों के सामने वे 'अनाड़ी' की तरह लग रहे थे। विराट ने बाद में बताया, 'भारत लौटने के बाद मैं 10 दिन के लिए मुंबई गया, सचिन के साथ बात की और वक्त बिताया था।'
विराट के अनुसार, सचिन ने उस दौरान कुछ तकनीकी बातें बताकर इसे सुधारने में उनकी मदद की। ये बातें विराट के लिए मददगार साबित हुई थीं। सचिन की विराट कोहली को सीख थी, क्रीज पर रहकर गेंद खेलते हुए कभी अनिश्चितता की स्थिति में मत रहो.' सचिन से मिली इस मदद के बाद विराट ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे रनों का अंबार लगा रहे हैं और यह कहा जा रहा है कि भविष्य में सचिन के कई रिकॉर्ड्स को विराट अपने नाम कर सकते हैं।कोहली इस पारी से सचिन के बाद टीम इंडिया के 21वी सदी के दूसरे सबसे बड़े बल्लेबाज माने जा सकते हैं ।
विराट की यह 22 वीं शतकीय पारी थी अपनी 113 टेस्ट इनिंग्स में । वैसे इस मामले में रिकॉर्ड सर डॉन ब्रेडमैन के नाम पर है जिन्होंने 22 टेस्ट शतक तक पहुंचने के लिए केवल 58 पारियां खेली थीं. भारत के पूर्व ओपनर सुनील गावस्कर ने 101 पारियों में 22 शतक पूरे किए जबकि स्टीव स्मिथ को इसके लिए 108 पारियां खेलनी पड़ीं. कोहली ने 113वीं पारी में 22वां शतक बनाया जबकि सचिन को इसके लिए 114 पारियां खेलनी पड़ी थीं. पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ (यूसुफ योहाना) 121 वीं पारी में 22 टेस्ट शतक तक पहुंचे थे.