गांगुली ने साझा किया दर्द-
गांगुली ने कहा कि “भारत की कप्तानी करने के बाद भी मुझे बाहर बैठना पड़ा है। जब मैंने मिताली को बैंच पर बैठे देखा तो मैंने कहा ‘ग्रुप में आपका स्वागत है’।” गांगुली ने ग्रेग चैपल के समय खुद का उदाहरण देते हुए कहा, “कप्तान आपको बाहर बैठने के लिए कहे तो आप ऐसा ही करो। मैंने पाकिस्तान दौरे पर फैसलाबाद में ऐसा ही किया था।” उन्होंने आगे कहा कि “जब मैं वनडे में सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में था तब मैंने 15 महीने तक वनडे मैच नहीं खेला था। जीवन में ऐसा होता रहता है।”
मिताली के लिए यह अंत नहीं: गांगुली-
उन्होंने कहा कि मिताली के लिए यह दुनिया का अंत नहीं है। पूर्व कप्तान ने कहा, “आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि आप सबसे अच्छे हैं क्योंकि आपने कुछ बड़ा किया है और आपके पास फिर एक मौका है। इसलिए, मिताली को बैंच पर बैठने के लिए कहे जाने से मैं निराश नहीं हूं।” उन्होंने साथ ही कहा, “लेकिन मैं सेमीफाइनल में भारतीय टीम की हार से निराश हूं क्योंकि मैंने सोचा था कि यह टीम लंबा रास्ता तय करेगी। ऐसा होता रहता है क्योंकि जिंदगी में इसकी कोई गारंटी नहीं है। आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें।”
धोनी पर बोले गांगुली-
गांगुली से महेंद्र सिंह धोनी के बारे में भी पूछा गया जो पिछले कुछ समय से अच्छे फॉर्म में नहीं हैं और आस्ट्रेलिया दौरे पर गईं मौजूदा भारतीय टी-20 और वनडे टीम का हिस्सा नहीं हैं।” पूर्व कप्तान ने कहा, “वह (धोनी) एक चैंपियन है। टी-20 विश्वकप जीतने के बाद पिछले 12-13 साल उनके लिए शानदार रहे हैं। बस उन्हें अच्छा प्रदर्शन करना है।” उन्होंने कहा, “जीवन में ऐसा होता है। आप जो भी काम करते हैं, जहां भी हो, जिस भी उम्र में हो, आपके पास जितना भी अनुभव हो, आपको शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करना होगा अन्यथा कोई और आपकी जगह ले लेगा।” 2019 विश्वकप लाइनअप के बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा, “मैं एक चयनकर्ता नहीं हूं। लेकिन मुझे उम्मीद है कि मौजूदा टीम के 85-90 प्रतिशत खिलाड़ी विश्व कप में खेलेंगे।”