गांगुली बोले, धोनी जब भी ऊपरी क्रम पर खेले बेहतर किया
गांगुली ने कहा कि धोनी जब भी ऊपरी क्रम पर खेले, उन्होंने अच्छा किया। बता दें कि गांगुली ने अपनी कप्तानी में महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के डेब्यू सीरीज में ही 2005 में विशाखापत्तनम में उन्हें पाकिस्तान (India vs Pakistan) के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए भेज दिया था। इसमें उन्होंने मैच में धोनी ने 148 रनों की पारी खेल कर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। स्पोर्ट्सतक से बात करते हुए गांगुली ने कहा कि धोनी को विशाखापत्तनम में नंबर-3 पर खेलने का मौका मिला और उन्होंने शानदार शतक जमाया। इसके आगे गांगुली ने कहा कि धोनी को जब भी ज्यादा ओवर खेलने को मिला, उन्होंने बड़ा स्कोर खड़ा किया।
सचिन भी ऊपरी क्रम पर खेलकर महान बने
गांगुली ने कहा कि सचिन तेंदुलकर भी अगर नंबर-6 पर खेलते रहते तो वह आज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) नहीं बनते, क्योंकि नीचे आपको कम गेंदें खेलने को मिलती हैं। उन्होंने याद करते हुए कहा कि वह चैलेंजर ट्रॉफी थी, जब धोनी ने उनकी टीम से सलामी बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाया था। गांगुली ने कहा कि उन्हें यह पता था। खिलाड़ी तब बनता है, जब उसे ऊपर भेजा जाता है। आप निचले क्रम में रख किसी को खिलाड़ी नहीं बना सकते।
इसलिए दुनिया फैन है Mahendra Singh Dhoni की, दिया एक विनम्रता का एक और उदाहरण
ड्रेसिंग रूम में बैठ कर बड़ा खिलाड़ी नहीं बन सकते
बोर्ड अध्यक्ष (BCCI President Sourav Ganguly) ने कहा कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि ड्रेसिंग रूम में बैठ कर आप बड़ा खिलाड़ी नहीं बन सकते। धोनी अनोखे खिलाड़ी थे। उनमें जिस तरह की काबिलियत थीं, खासकर छक्के मारने की, वह कम लोगों में होती है। गांगुली ने कहा कि संन्यास लेने के बाद उन्होंने इस विषय पर कई बार विचार रखा और कहा कि धोनी को ऊपरी क्रम में खेलना चाहिए।