कांग्रेस पार्टी मुख्यालय सत्यमूर्ति भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत में राहुल ने भाजपा-पीडीपी गठबंधन को अक्षम करार देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार कश्मीर में शांति स्थापित करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। राहुल ने कहा कि करीब 6 -7 महीने पहले अरुण जेटली मुझसे मिले थे। तब उनसे कश्मीर के हालात को लेकर आगाह किया था। उनसे कहा कि था कि कश्मीर के मुद्दे को सही तरीके से हैंडल नहीं किया जा रहा है तथा कश्मीर को आग पर जलने के लिए छोड़ दिया है।
तब जेटली ने कहा था कि कश्मीर में शांति है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार कश्मीर की समस्या के समाधान के बजाय इसे एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। वे अपनी अक्षमता से देश के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं तथा कश्मीर को एक राजनीतिक संपत्ति के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
एक दिन पहले ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा था कि कश्मीर में अशांति की समस्या का समाधान किसी भी सूरत में कर लिया जाएगा। इससे कश्मीर के बेहतर भविष्य को लेकर रास्ते में आने वाली दूर हो जाएगी। राहुल ने कहा कि कश्मीर का स्थाई समाधान निकाला जाना चाहिए। कश्मीर के बेहतर भविष्य के लिए आने वाली सभी बाधाएं दूर की जानी चाहिए। कश्मीर के लोगों की प्रतिभा का उपयोग देश की तरक्की में किया जाए।