भारत के शीर्ष क्रम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था। वह पहली बार न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में विफल रहा और भारत को हार का सामना करना पड़ा। मध्यक्रम दबाव में एक बार फिर बिखर गया। लोअर मिडल ऑर्डर में महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) और रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) ने मैच लड़ाया, मगर धोनी के रन आउट होते ही विश्व कप में भारत की सारी संभावनाएं बंद हो गई। विश्व कप में भारत के हार का कारण चयन समिति (Selection Committee) का गलत चयन और टीम प्रबंधन (Team Management) की अक्षमता को बताया जाता है। माना जाता है कि चयन समिति ने नंबर चार के लिए विशेषज्ञ बल्लेबाज का चयन नहीं किया तो वहीं शिखर धवन (SShikhar Dhawan) और विजय शंकर (Vijay Shankar) के चोटिल होने पर भी टीम प्रबंधन ने नंबर चार के लिए विशेषज्ञ बल्लेबाज की मांग नहीं की। कुछ ऐसा ही मानना है विश्व के महानतम सलामी बल्लेबाजों में से एक सुनील गावस्कर का।
गावस्कर बोले, मध्यक्रम में नहीं थे अच्छे बल्लेबाज
सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि मध्यक्रम में चार, पांच और छह पर बहुत अच्छे बल्लेबाज होने चाहिए। ऐसे बल्लेबाज, जो शीर्ष पर भी बल्लेबाजी कर सकें या फिर शीर्ष क्रम फेल हो तो पारी संवार सकें। गावस्कर ने कहा कि हमने 2019 विश्व कप में नंबर चार पर विशेषज्ञ बल्लेबाज नहीं रखने की गलती की। टूर्नामेंट में अगर इस नंबर पर विशेषज्ञ बल्लेबाज होता तो शायद कहानी पूरी तरह अलग होती।
विश्व कप में शीर्ष क्रम शानदार था : गावस्कर
गावस्कर ने कहा कि विश्व कप में भारत की टॉप-3 बल्लेबाजी ऑर्डर इतनी शानदार थी, जो विश्व कप के ग्रुप चरण में शानदार रही। ऐसे में नंबर चार और पांच को लंबी पारी खेलने का मौका नहीं मिला। वहीं जब टॉप तीन सस्ते में आउट होते हैं तो दुर्भाग्य से वह भारत का सेमीफाइनल मैच होता है। ऐसे में मध्य क्रम को पारी संभालने के लिए आगे आना चाहिए था, लेकिन यहीं पर नंबर चार, पांच और छह के बल्लेबाज विफल हो गए।