जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारे लगाये जाने के मामले में एक तरफ तो दिल्ली पुलिस ने इशारा किया है कि वह कन्हैया कुमार की जमानत का विरोध नहीं करेगी और दूसरी तरफ कन्हैया ने एक अपील जारी की है
जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में राष्ट्र विरोधी नारे लगाये जाने के मामले में एक तरफ तो दिल्ली पुलिस ने इशारा किया है कि वह कन्हैया कुमार की जमानत का विरोध नहीं करेगी और दूसरी तरफ कन्हैया ने एक अपील जारी की है। कन्हैया अपील में कहा कि 9 फरवरी को हुई घटना घटी वह दुर्भाग्यपूर्ण थी और इसकी निंदा करता हूं।
क्या लिखा कन्हैया ने अपनी अपील मैं
मेरा ना कन्हैया कुमार है। मेरे माता जी का नाम मीना देवी और पिताजी का नाम जयशंकर सिंह है। मैं ग्राम पोस्ट बीहट, टोला मसनदपुर, थाना बरेजी, जिला बेगूसराय, बिहार का स्थायी निवासी हूं। वर्तमान मैं जेएनयू के आईएसआई से सोशल ट्रांसफर्मेशन इन साउथ एशिया 1994-2015 विषय पर पीएचडी कर रहा हूं। यह मेरे पीएचडी का तीसरा साल है।
मैं भारत के संविधान में विश्वास करता हूं तथा मेरा यह सपना है कि इसके प्रस्तावपा को अक्षरश: लागू करने में अपना संभव योगदान कर पाऊं। मैं भारत की एकता व अखंडता को मानता हूं एवं इसके विपरीत किसी भी असंवैधानिक कार्यों का समर्थन नहीं करता हूं।
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कन्हैया ने लिखा है कि 9 फरवरी 2016 को हमारे विश्वविद्यालय में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जिसकी मैं निंदा करता हूं। विभिन्न सूत्रों से प्राप्त वीडियो को देखने के बाद पता चलता है कि जेएनयू के और बाहरी लोग असंवैधानिक नारे लगा रहे हैं। इसलिए मैं अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता के साथ उन नारों का समर्थन नहीं करता हूं। मैं आपसे अपील करना चाहता हूं कि इस संबंध में देश, समाज और विश्वविद्यालयों में शांति न भंग की जाए।
कन्हैया को 2 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा
कन्हैया की कोर्ट में पेशी के दौरान जमकर हंगामा हुआ तथा उसके साथ हाथापाई की कोशिश की गई। इस हंगामेे को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया तथा स्थिति की जांच के लिए वरिष्ठ वकीलों का एक दल भी वहां भेजा। पटियाला हाउस परिसर में के घटनाक्रम के संबंध में दिल्ली पुलिस कमिश्रर बीएल बस्सी ने कहा कि वहां बल प्रयोग से हालात और बिगड़ जाते।
उन्होंने माना कि कन्हैया को अदालत में पेश करने में दिल्ली पुलिस को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कन्हैया और पुलिसकर्मियों के साथ धक्का -मुक्की की गई। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति की आशंका को देखते हुए कन्हैया के साथ काफी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी थे। वहीं, पटियाला हाउस कोर्ट ने देशद्रोह के मामले में कन्हैया की पुलिस कस्टडी 14 दिन के बढ़ा दी गई। कन्हैया को 2 मार्च तक के लिए तिहाड़ जेल भेजा गया है।
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