सितंबर में खत्म हो रहा है करार
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के साथ नाइकी का करार इसी साल सितंबर तक का है। नाइकी चाहती है कि यह करार बढ़ाया जाए, लेकिन कुछ रियायतों के साथ। उसका कहना है कि लॉकडाउन के कारण कई मैच स्थगित हुए हैं। इस वजह से कंपनी को काफी नुकसान हुआ है। कंपनी का कहना है कि इससे उसे सिर्फ विज्ञापन करार में ही नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि बिजनेस में उसे काफी हानि हुई है, जबकि बीसीसीआई छूट के साथ करार बढ़ाने को तैयार नहीं है।
ये है करार विवाद
नाइकी ने चार साल के लिए अपना जो नवीनतम करार बढ़ाया था, उसके अनुसार उसने बीसीसीआई को 370 करोड़ रुपए दिए थे। इसमें 85 लाख प्रति मैच फीस थी और साथ ही 12-15 करोड़ रुपए की रॉयल्टी शामिल थी। लॉकडाउन (Lockdown in india) के दौरान करार की अवधि यानी सितंबर के अंत तक टीम इंडिया (Team India) को 12 अंतरराष्ट्रीय मैच (International cricket match) और खेलने थे। वह या तो रद्द हुए या फिर स्थगित कर दिए गए। इसमें दक्षिण अफ्रीका (IND vs SA) के खिलाफ स्थगित हुई एकदिवसीय सीरीज के साथ श्रीलंका और जिम्बाब्वे दौरा था। नाइकी इन्हीं स्थगित और रद्द हुए मैचों का हवाला देकर करार में छूट की बात कर रही है।
2006 में हुआ था पहली बार करार
नाइकी कंपनी के साथ सौदे के मुताबिक चार साल के लिए 370 करोड़ रुपए के अलावा वह टीम इंडिया को शूज, जर्सी खेल के अन्य सामान मुफ्त उपलब्ध कराती थी। नाइकी के साथ पहली बार यह डील 2006 में हुई थी और तब से यह जारी है। लेकिन अब यह रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंच गया है। एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें उम्मीद कम है कि बीसीसीआई छूट के साथ अनुबंध विस्तार पर सहमत होगा। माना जा रहा है कि बीसीसीआई जल्द ही जर्सी पर लोगो के लिए नया टेंडर जारी कर सकता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की मजबूरी को समझते हुए बीसीसीआई को नाइकी को डील में रियायत देनी चाहिए।