महिला क्रिकेट की सचिन तेंदुलकर कही जाने वाली मिताली राज की कप्तानी में महिलाओं ने सभी का दिल जीता हुआ है।
कुलदीप पंवार
नई दिल्ली। महिला क्रिकेट की
सचिन तेंदुलकर कही जाने वाली मिताली राज की कप्तानी में महिलाओं ने सभी का दिल जीता हुआ है। न्यूजीलैंड को हराकर शनिवार को आईसीसी महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंच गई भारतीय महिला टीम पुरानी टीमों से इस मामले में अलग है कि ये सिर्फ अपनी कप्तान और रनों के लिहाज से विश्व की नंबर-1 बल्लेबाज मिताली पर निर्भर नहीं है। कई स्टार हैं, जो मैच जिता सकती हैं। लेकिन आप जानते हैं कि इनमें से कई का पहला शौक क्रिकेट नहीं था बल्कि बचपन में ये सभी कुछ और ही कारनामा करने की सोचती थी।
मिताली राज
भूमिका : कप्तान और सबसे मुख्य बल्लेबाज।
इस विश्व कप में: 2 अद्र्धशतक व एक शतक बनाए हैं।
बचपन की इच्छा : बचपन में भरतनाट्यम की डांसर बनना चाहती थी और उन्होंने इसकी बाकायदा ट्रेनिंग भी ली है। आज यही डांस का शौक उनकी फिटनेस बरकरार रखता है।
वेदा कृष्णमूर्ति
भूमिका : मध्यक्रम बल्लेबाज।
इस विश्व कप में : भारत के लिए दूसरे सबसे तेज 50 रन का रिकॉर्ड बनाया।
बचपन की इच्छा : वेदा बचपन में कराटे-मार्शल आर्ट की खिलाड़ी बनना चाहती थी। उन्होंने 12 साल की उम्र में डबल ब्लैक बेल्ट भी हासिल की थी।
राजेश्वरी
भूमिका : खब्बू लेग स्पिनर।
इस विश्व कप में : पारी में बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाया।
बचपन की इच्छा : राजेश्वरी गायकवाड़ की रुचि शुरुआती दौर में एथलेटिक्स की तरफ ज्यादा थी और वे जैवलिन थ्रोअर बनना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने कोशिश भी की थी।
हरमनप्रीत कौर
भूमिका : मध्यक्रम बल्लेबाज और कामचलाऊ गेंदबाज।
इस विश्व कप में : न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार अद्र्धशतक।
बचपन की इच्छा : हरमनप्रीत कौर बचपन में फुटबॉल खेलना पसंद करती थीं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में भी फीफा में खेलने की इच्छा जताई थी।
शिखा पांडेय
भूमिका : तेज गेंदबाज।
इस विश्व कप में : शुरुआती स्पैल में विपक्षी टीमों पर दबाव बनाना और विकेट लेना।
बचपन की इच्छा : शिखा पांडेय बचपन में मल्टी नेशनल कंपनी में बड़ी अधिकारी बनना चाहती थीं, बाद में क्रिकेट का शौक लगा और उन्होंने इसे ही जिंदगी बना लिया।