आज के दिन साल 2010 में क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इस खेल को बदनाम करने की साजिश को अंजाम दिया गया था। एक तरफ था क्रिकेट का जनक देश इंग्लैंड तो दूसरी तरफ थी पाकिस्तान क्रिकेट टीम, जो अपने गलत आचरण और खेल भावना के विपरित काम करने के लिए जानी जाती है।
इसी पाकिस्तान टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने मैच फिक्सिंग जैसा संगीन अपराध कर न केवल अपने देश बल्कि पूरे क्रिकेट जगत और फैंस को सोचने पर मजबूर कर दिया था कि आंखों के सामने जो ‘खेल’ खेला जा रहा है उसमें कितनी सच्चाई है? क्या ये उन फैंस के साथ धोखा नहीं है जो इस खेल को धर्म की तरह पूजते हैं?
इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच 26 से 29 अगस्त तक टेस्ट मैच खेला गया था। इस मैच में सबकुछ सामान्य चल रहा था। मेजबान टीम ने मैच 225 रनों के विशाल अंतर से जीता। इस मैच में स्टुअर्ट ब्रॉड को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया और 18 साल के युवा मोहम्मद आमिर को ‘मैन ऑफ द सीरीज’।
यहां तक तो सबकुछ सामान्य था लेकिन उसके बाद जो हुआ उसे देख पूरी दुनिया चकित रह गई। मोहम्मद आमिर ने इस मैच में जानबूझकर नो बॉल फेंकी, इस बात का खुलासा हो गया। इसके बाद उनपर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा। बाद में तो उन्हें जेल हवा भी खानी पड़ी। आमिर को पूरे पांच साल तक के लिए क्रिकेट खेलने और इससे जुड़ी गतिविधि में भाग लेने से बैन कर दिया गया।
इस बात को आज पूरे 9 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी यह बात लोगों के जहन में ताजा है। खुद मोहम्मद आमिर, पाकिस्तान क्रिकेट और क्रिकेट फैंस इस काले दिन को कभी नहीं भूल सकेंगे।