टूर्नामेंट की सबसे सफल टीमें हैं भारत और ऑस्ट्रेलिया
आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप की बात करें तो भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों का इस टूर्नामेंट में शानदार रिकॉर्ड रहा है। भारत ने इस खिताब पर सर्वाधिक चार बार खिताब पर कब्जा जमाया है तो वहीं ऑस्ट्रेलिया ने तीन बार इस कप पर अपना नाम लिखाया है। भारत 2000, 2008, 2012 और 2018 में विश्व चैंपियन बना है। पिछली बार 2018 में तो इन दोनों टीमों के बीच ही टक्कर हुई थी, जिसमें पृथ्वी शॉ की कप्तानी वाली अंडर-19 भारतीय टीम ने जीत हासिल की थी। ऑस्ट्रेलिया ने इस खिताब पर 1988, 2002 और 2010 में कब्जा जमाया है।
इस टूर्नामेंट में भारत की टीम को ग्रुप ए में रखा गया है। इन ग्रुप की अन्य टीमें श्रीलंका, न्यूजीलैंड और जापान हैं। भारत ने अपने पहले मैच में श्रीलंका को 90 रन की करारी शिकस्त दी। इसके बाद जापान पर 10 विकेट की धमाकेदार जीत हासिल की। ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच बारिश के कारण पूरे 50 ओवर का नहीं खेला जा सका। डकवर्थ लुइस के आधार पर भारत ने इस मैच में न्यूजीलैंड को 44 रन से मात दी।
ऑस्ट्रेलिया का उतार-चढ़ाव वाला रहा सफर
ऑस्ट्रेलिया को अप्रत्याशित रूप से टूर्नामेंट के पहले मैच में ही विंडीज के हाथों 3 विकेट से हार मिली। इस टूर्नामेंट के इतिहास में यह ऑस्ट्रेलिया की विंडीज के हाथों पहली हार थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने नाइजीरिया को 10 विकेट की आसान मात दी। इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया आखिरी मुकाबला काफी रोमांचक रहा। लगभग हार के मुंह से वापसी कर ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को दो विकेट से हराया। इसी के साथ उसने यह इंग्लैंड के आगे का सफर भी थाम लिया।
इस टूर्नामेंट में प्रियम गर्ग की कप्तानी में गई भारतीय टीम के खिलाड़ी बेहतरीन फॉर्म में नजर आए हैं। कप्तान गर्ग समेत यशस्वी जायसवाल, दिव्यांश सक्सेना और सिद्धेश वीर ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाजी की है। जायसवाल ने तीन मैचों में 145 की औसत से कुल 145 रन बनाए हैं तो दिव्यांश ने दो मैचों 75 रन निकले हैं। एक मैच में अर्धशतक बनाकर नाबाद भी रहे थे।
वहीं गेंदबाजी की बात करें तो स्पिनर रवि बिश्नोई और तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी ने अभी तक टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है। बिश्नोई तीन मैचों में 10 शिकार कर चुके हैं, जबकि कार्तिक त्यागी ने इतने ही मैचों में पांच विकेट लिए हैं।