उन्होंने यह भी कहा कि एक गेंदबाज के रूप में आप कुछ समय पहले तक कोहली को जिस नजरिए से देखते हों या जो कुछ भी सोचते हों वह सब कुछ अब समय के साथ बदल गया हैं । अपनी सारी खामियों को दूर करते हुए उन्होंने स्वयं को एक त्रुटिहीन खिलाडी के तौर पर स्थापित किया है । इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि खोली हर तरह के परिस्थितयों के लिए तैयार रहते हैं । उन्होंने कहा कि कोहली मानसिक तौर पर बेहद मजबूत हैं, यही वजह है कि वो हर परिस्थिति में क्रिच पर लंबे समय तक टिके रह कर खेलने और चुनौतियों का सामना करने का हिम्मत रखते है । ब्रेट ली के मुताबिक क्रिच पर खेलते हुए कोहली रन के लिए भूखे होते हैं ।बहुत सारे रन बनाने के इक्षाशक्ति रखने के वजह से वो चुनौतियों का सामना कर सकते हैं ।उन्होंने यह भी कहा कि अभी विराट का सर्वश्रेष्ठ नहीं देखा है अभी विराट को लंबे समय तक खेलना है । कई सारे उपलब्धियों को अपने नाम करना है । अभी विराट एक युवा खिलाडी हैं ।
क्रिकेट में कोहली की शुरुआत कोहली सुर्खियों में आऐ जब वे अपने पिता की मृत्यु के दिन कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में दिल्ली के लिए खेल रहे थे। कोहली मलेशिया में आयोजित 2008 अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप में विजयी भारतीय टीम के कप्तान थे। नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए, उन्होंने 47 की औसत से 6 मैचों में 235 रन बनाए, जिसमे वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक भी शामिल है। टूर्नामेंट के दौरान कई सामरिक गेंदबाजी परिवर्तन करने के लिए उनकी सराहना की गई थी। वे अपना हर मैच गंभीरता से लिया करते है। कोहली ऑस्ट्रेलिया में 2009 इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में, कोहली ने शतक बनाया था और भारत 19 रन से जीता था।