मैच के बाद कप्तान कोहली ने कहा कि टीम के प्रमुख बल्लेबाजों का एक साथ फ्लॉप होना और न्यूजीलैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों का जाबांज प्रदर्शन भारत की हार का सबसे बड़ा कारण बना। कोहली ने कहा कि सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के अलावा सिर्फ टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ही अच्छी बल्लेबाजी कर पाए। बतौर बल्लेबाजी इकाई हम कड़ी चुनौती पेश नहीं कर पाए। कप्तान कोहली ने कहा कि हमारे बल्लेबाज न्यूजीलैंड के गेंदबाजों पर दबाव बना पाने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि अगर हम पहली पारी में 220-230 तक पहुंच जाते और कीवी टीम की पहली पारी में आखिरी तीन विकेट जल्दी निकाल पाने में कामयाब रहते तो शायद परिणाम कुछ और हो सकता था। उन्होंने कहा कि लेकिन हम ऐसा करने में नाकाम रहे। पहली पारी के बाद हम काफी पिछड़ गए थे वहीं न्यूजीलैंड की टीम को पहली पारी के आधार पर मिली बड़ी बढ़त के कारण दूसरी पारी में हम पर काफी दबाव था।
निचले क्रम को जल्दी आउट न कर पाना भी हार का कारण
कप्तान कोहली ने यूं तो अपने गेंदबाजों की तारीफ की, लेकिन साथ में यह भी कहा कि निचले क्रम के बल्लेबाजों को आउट नहीं कर पाने के कारण ज्यादा परेशानी खड़ी हुई। कप्तान कोहली ने कहा कि कीवी टीम ने पहली पारी में 225 रनों तक अपने सात विकेट खो दिए थे, लेकिन आखिर के तीन बल्लेबाजों ने 120 से ज्यादा रन जोड़ दिए। इस कारण उन्हें 183 की बड़ी बढ़त हासिल हो गई। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि हम गेंदबाजों ने खराब गेंदबाजी की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ भी हो सकता है।
पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में मुंबई के युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ नहीं चल पाए। इसके बावजूद कप्तान कोहली को उनसे उम्मीदें हैं। उन्होंने शॉ का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने घर से बाहर अभी तक सिर्फ दो टेस्ट मैच खेले हैं। वह अच्छे खिलाड़ी हैं और रन बनाने की राह खोज निकालेंगे। इस मौके पर उन्होंने मयंक अग्रवाल और अजिंक्य रहाणे की भी तारीफ की। कोहली ने कहा कि मयंक ने दोनों पारियों में अच्छा खेल दिखाया। उनकी टीम में मयंक और अजिंक्य रहाणे ही ऐसे बल्लेबाज रहें, जिन्होंने कुछ समय में ही लय हासिल कर ली। उन्होंने कहा कि एक मजबूत बल्लेबाजी ईकाई के तौर पर उन्हें जरूरत है कि अपनी योजना पर कायम रहे।
भारत को सीरीज का अंतिम टेस्ट अब 29 फरवरी से क्राइस्टचर्च में खेलना है।