scriptबीसीसीआई का अध्यक्ष गांगुली के बनने के बाद कोच रवि शास्त्री पर यह पड़ सकता है असर | when Ganguly became BCCI President Shastri may be affected | Patrika News

बीसीसीआई का अध्यक्ष गांगुली के बनने के बाद कोच रवि शास्त्री पर यह पड़ सकता है असर

locationनई दिल्लीPublished: Oct 15, 2019 05:04:32 pm

Submitted by:

Mazkoor

शास्त्री और गांगुली के बीच मनमुटाव की खबरें अक्सर आती रहती है। ऐसे में गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद शास्त्री के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है।

Shastri ganguly

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम का नया अध्यक्ष सौरव गांगुली का बनना तय माना जा रहा है। वहीं टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री हैं। इन दोनों के बीच के खराब रिश्ते किसी से छिपे नहीं है। ऐसे में सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद रवि शास्त्री कितने दिनों तक कोच पद पर बने रहेंगे, इस बात को लेकर चर्चा का माहौल गर्म है। हालांकि रवि शास्त्री को टीम इंडिया की कोचिंग का जिम्मा अभी हाल ही में दिया गया है और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही सीरीज उनके दूसरे कार्यकाल की पहली शृंखला है। इसके अलावा उनका कार्यकाल 2021 टी-20 विश्व कप तक है, जबकि बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल सिर्फ 10 महीने का होगा। इसलिए रवि शास्त्री के बतौर कोच बने रहने पर कोई खतरा नजर नहीं आता, लेकिन उनके एकाधिकार पर खतरा मंडरा सकता है।

2017 में गांगुली नहीं चाहते थे कि शास्त्री कोच बनें

2017 में चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद तत्कालीन कोच अनिल कुंबले ने टीम इंडिया के मुख्य कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। इसकी वजह यह थी कि उनके और टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के बीच मतभेद हो गया था। तब सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति में थे और गांगुली नहीं चाहते थे कि शास्त्री कोच बनें। हालांकि इसके बावजूद रवि शास्त्री कोच बनने में सफल रहे थे।

उमेश यादव ने अपनी कामयाबी का श्रेय वृद्धिमान साहा को दिया

शास्त्री ने खुले मंच से की थी गांगुली की बुराई

एक टॉक शो में रवि शास्त्री ने खुलेआम सौरव गांगुली की खिंचाई की थी। उन्होंने सौरव गांगुली का नाम लेकर सीधे-सीधे आरोप लगाया था कि उन्हें समय का ख्याल नहीं रहता। उदाहरण देते हुए बताया था कि 2007 में बांग्लादेश दौरे पर जब वह टीम इंडिया के मैनेजर थे, तब सुबह नौ बजे बस से टीम को निकलना था, लेकिन गांगुली ने देर कर दी थी। इसके बाद वह उन्हें छोड़कर पूरी टीम के साथ निकल गए थे। उन्होंने इस शो में यह भी कहा था कि वह समय के बहुत पाबंद हैं।

गांगुली ने किया था पलटवार

रवि शास्त्री के इस बयान पर सौरव गांगुली ने पलटवार करते हुए रवि शास्त्री के अल्कोहलिक होने की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि अगर आपको शास्त्री का सुबह इंटरव्यू करना हो तो वह नहीं कर सकते। आप उन्हें कभी ब्रेकफास्ट शो पर मत बुलाइए, क्योंकि उन्हें याद नहीं रहता कि वह क्या कहते हैं। जब वह रवि शास्त्री से मिलेंगे तो इस बारे में उनसे पूछेंगे कि कब हुआ था ऐसा। क्योंकि ऐसा कभी हुआ ही नहीं था। इसलिए बेहतर है कि उनका इंटरव्यू सुबह की जगह शाम को किया जाए, ताकि वह बातें याद रख सकें।

चोट के कारण तीसरे टेस्ट से बाहर हुए केशव महाराज, जॉर्ज लिंडे को मिली जगह

इसलिए है गांगुली का केवल 10 माह का कार्यकाल

47 साल के सौरव गांगुली के सिर बीसीसीआई अध्यक्ष का ताज सिर्फ 10 महीने रहेगा, क्योंकि इसके बाद बीसीसीआई के नए नियमों के मुताबिक उन्हें कूलिंग ऑफ पीरियड के कारण पद छोड़ना पड़ेगा। इस नए नियम के मुताबिक एक प्रशासक एक पद पर लगातार छह साल ही रह सकता है। अगर वह आना चाहे तो दोबारा एक ब्रेक के बाद उस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकता है। इस लिहाज से देखें तो सौरव गांगुली कैब के अध्यक्ष पांच वर्षों से भी ज्यादा समय से हैं। इसलिए वह अधिकतम 10 माह तक ही इस कार्यकाल में अध्यक्ष रह पाएंगे। जबकि बतौर टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री का कार्यकाल उनसे ज्यादा समय 2021 टी-20 विश्व कप तक है।

ट्रेंडिंग वीडियो