स्पिनर्स बने समस्या
अगर दोनों ही टीमों की बात करें तो सेमी फाइनल में दोनों टीमों के स्पिनर्स ने निराश किया हैं। पहले सेमी फाइनल में भारत की तरफ से कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 56 रन देकर मात्रा 1 विकेट लिया वहीं जडेजा ने अपने 10 ओवर के स्पेल में 63 रन दिए और कोई विकेट नहीं लिया। वहीं दूसरे सेमी फाइनल में एडम जेम्पा ने 7 ओवर में 55 रन दिए और एक भी विकेट नही झटका। मैक्सवेल भी विकेट लेने के मामले में खामोश रहे। हालांकि नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच से स्पिनर्स को थोड़ी मदद मिल सकती है क्योंकि वहां की पिच धीमी हैं और बाद में बल्लेबाजी करने वालों के लिए यह पिच काफी मददगार साबित हो सकती है। ऐसे में टॉस भी फाइनल मुकाबले में अहम भूमिका निभा सकता है।
पेसर्स कर सकते हैं कमाल
ऑस्ट्रेलिया और भारत के स्पिनर्स भले ही इस समय शांत हो लेकिन पेसर्स ने धमाल मचा रखा हैं। मोहम्मद शमी ने सेमी फाइनल मुकाबले में 7 विकेट लेकर विरोधी टीम के चारों खाने चित कर दिए थे हालांकि उन्हें सिराज और बुमराह का उतना साथ नहीं मिल सका। वहीं ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भी स्टार्क, हेजलवुड और कमिंस ना केवल टीम के लिए किफायती साबित हुए बल्कि तीनों ने संयुक्त रूप से 8 विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका खेमे को शांत रखा।
गेंदबाज या बल्लेबाज…किसका पलड़ा रहेगा भारी?
दोनों टीमों की बल्लेबाजी ने इस वर्ल्ड कप में काफी रोमांचित किया है। चाहे वार्नर हो या हेड , विराट हो या रोहित सभी बल्लेबाजों ने टीम को फाइनल तक पहुँचाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। विराट जहां 711 रन के साथ ‘सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों’ की लिस्ट में टॉप पर है वहीं रोहित शर्मा 550 रन के साथ पांचवे स्थान पर है। ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर भी 528 रन के साथ इस सूची में शमिल है।
इन सबके साथ ही शमी और जेम्पा के बीच सर्वाधिक विकेट लेने की भी जंग होगी। क्योंकि इस समय शमी 23 विकेट लेकर ‘सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़’ की लिस्ट में टॉप पर हैं और उनके एकदम नीचे जेम्पा 22 विकेट के साथ मौजूद हैं। ऐसे में इस एक मुकाबले में हमे काफी सारी जंग देखने को मिल सकती हैं।