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विश्व कप फाइनल के अंपायर कुमार धर्मसेना ने ओवर थ्रो पर मानी अपनी गलती, कहा- नहीं थे छह रन

locationनई दिल्लीPublished: Jul 21, 2019 06:49:54 pm

Submitted by:

Mazkoor

Kumar Dharmasena ने कहा कि टीवी रीप्ले देखने की सुविधा नहीं होने के कारण हुई गलती

Ben Stokes

कोलंबो : आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 ( ICC cricket world cup 2019 ) के फाइनल मैच में ओवर थ्रो पर छह रन देने का निर्णय सुनाने वाले मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना को भी अब यह अहसास हो गया है कि यह निर्णय लेने में उनसे गलती हो गई थी। उनके अनुसार, इस गेंद पर उन्हें छह रन नहीं, सिर्फ एक रन देना चाहिए था। बता दें कि इस फैसले पर काफी विवाद हुआ था। इस एक फैसले की वजह से न्यूजीलैंड ( New Zealand cricket team ) के खिलाफ इंग्लैंड ( England cricket team ) यह मैच टाई कराने में सफल रहा था।

यह था मामला

बता दें कि उस ओवर थ्रो से पहले इंग्लैंड को आखिरी तीन गेंद पर जीत के लिए नौ रन बनाने थे। ट्रेंट बोल्ट वह ओवर फेंक रहे थे और सामने बेन स्टोक्स थे। बोल्ट ने आखिरी ओवर की चौथी गेंद फेंकी। इस पर बेन स्टोक्स ने एक रन लिया और दूसरे रन के लिए भागे। इस बीच मार्टिन गुप्टिल का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले पर लगा और गेंद बाउंड्री के बाहर चली गई और इधर स्टोक्स ने अपना दूसरा रन भी पूरा कर लिया। इस तरह अब इंग्लैंड को आखिरी दो गेंद पर जीत के लिए तीन रन बनाने थे। आखिरी के इन दो गेंदों पर दो रन बने और इंग्लैंड के दो खिलाड़ी दूसरे रन के प्रयास में रन आउट हुए। इस तरह दोनों टीमों का स्कोर बराबर हो गया और मैच टाई हो गया। इसके बाद जो हुआ, वह इतिहास है। विश्व कप फाइनल में पहली बार सुपर ओवर खेला गया। सुपर ओवर में भी मैच टाई रहा। दोनों टीमों ने 15-15 रन बनाए और अंत में विजेता का फैसला अधिक बाउंड्री के आधार पर निकला। इंग्लैंड को अधिक बाउंड्री लगाने के आधार पर विजेता घोषित कर दिया गया। लेकिन अगर वह अतिरिक्त पांच रन नहीं मिलते तो इंग्लैंड को आखिरी दो गेंद पर आठ रन बनाने होते और शायद विश्व कप विजेता न्यूजीलैंड होता।

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अंपायर धर्मसेना के इस फैसले पर हुआ था काफी विवाद

बता दें कि इस गेंद पर छह रन देने के अंपायर कुमार धर्मसेना के फैसले पर काफी विवाद हुआ था। अब धर्मसेना ने भी अपनी गलती मान ली है। उन्होंने एक श्रीलंकाई मीडिया से बात करते हुए कहा कि उस गेंद पर छह रन देना गलत फैसला था। उन्हें सिर्फ एक रन देना चाहिए था। कुमार धर्मसेना ने यह फैसला साथी मैदानी अंपायर से बात कर लिया था। उन्होंने कहा कि मैच के बाद टीवी रीप्ले देखने पर उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि उनसे निर्णय लेने में गलती हुई थी।

 

Kumar Dharmasena

धर्मसेना ने कहा- फैसले पर अफसोस नहीं

कुमार धर्मसेना ने साथ में यह भी कहा कि उनके पास मैदान पर टीवी रीप्ले देखने की सहूलियत नहीं थी और उन्हें उस वक्त जो सही लगा, उस हिसाब से निर्णय लिया। इसलिए उन्हें अपने इस फैसले पर कभी मलाल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने से पहले वह लेग अंपायर के पास गए थे। उनसे सलाह-मशवरा किया था। इसे बातचीत को अन्य अंपायरों और मैच रैफरी ने भी सुना था। लेकिन वे टीवी रीप्ले नहीं देख सकते थे। उन सभी ने इस बात की पुष्टि की कि बल्लेबाजों ने दूसरा रन पूरा कर लिया है। इसके बाद उन्होंने अपना फैसला सुनाया था।

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साइमन टॉफेल ने फैसले को बताया था गलत

बता दें कि पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने भी अंपायरों के इस फैसले को गलत बताया था। उनके अनुसार, छह रन नहीं देना चाहिए था, बल्कि यह सिर्फ पांच रन थे, क्योंकि तब तक दूसरा रन पूरा नहीं हुआ था। लेकिन कुमार धर्मसेना का मानना है कि वह दूसरा रन तो नहीं ही था, बाउंड्री के चार रन भी नहीं थे।

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