विश्व कप 2011 में मैन ऑफ द सीरीज रहे युवराज सिंह ने इसके लिए बीसीसीआई को एक पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल दोनों से संन्यास ले चुका हूं। उम्मीद है कि बोर्ड मुझे विदेशी लीग में खेलने की इजाजत दे देगा।
संन्यास की घोषणा के वक्त भी टीम इंडिया के पूर्व मैच विनर खिलाड़ी का क्रिकेट प्रेम सामने आया था। उन्होंने कहा कि मैं विदेशी टी 20 लीग में खेलते रहना चाहता हूं। युवी ने आगे कहा कि उम्र के इस पड़ाव में मनोरंजन के लिए ही सही मैं क्रिकेट से जुड़ा रहना चाहता हूं। मैं आगे भी क्रिकेट खेलकर अपनी जिंदगी को अच्छे से जीना चाहता हूं। क्रिकेट करियर के अंतिम दिनों में टीम इंडिया में नहीं चुने जाने की टीस भी युवी की बातों में साफ नजर आई। उन्होंने कहा कि जब में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल के बारे में सोचना हूं तो काफी तनाव में आ जाता हूं।
टीम इंडिया के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ने क्रिकेट में अच्छा और बुरा दोनों ही दौर देखे। एक समय था जब युवराज खेलते तो लगता था कि अब क्रिकेट में छक्के मारना कितना आसान हो गया है। युवराज जब बल्लेबाजी करते थे तो विरोधी टीम भी उनके गगनचुंबी छक्कों का लुत्फ उठाती थी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में युवराज के बुरे दौर की शुरूआत 2014 में टी-20 विश्वकप के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ भारत की हार से हुई थी। जिसका अंत युवराज के संन्यास के साथ हुआ।