जिम्बाब्वे ने पहली पारी में ली थी बढ़त-
जिम्बाब्वे ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में कप्तान हैमिल्टन मसाकाड्जा(52), सीन विलियम्स(88) और पीटर मूर(नाबाद 63) के अर्धशतकों की बदौलत 282 रन बनाए थे। उस पारी में बांग्लादेश के लिए ताइजुल इस्लाम ने 6 विकेट झटके थे। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की टीम 143 रनों में ही सिमट गई थी और जिम्बाब्वे ने 139 रनों की बढ़त ले ली थी। जिम्बाब्वे के लिए टेंडई चटारा और सिकंदर रजा ने 3-3 विकेट झटके थे।
जिम्बाब्वे की दूसरी पारी-
139 रनों की बढ़त के साथ उतरी जिम्बाब्वे ने मसाकाड्जा के 48 रनों की बदौलत 181 रन बनाए थे। इस पारी में ताइजुल इस्लाम ने 5 विकेट झटक मैच में 11 विकेट लिए। दूसरी पारी में कम रन बनाने के बावजूद जिम्बाब्वे ने 321 रनों का टारगेट सेट किया।
बांग्लादेश दूसरी पारी में भी फेल-
जीत के लिए 321 रनों का पीछा करने उतरी बांग्लादेश के लिए इमरुल कायेस ने सर्वाधिक 43 रन बनाए। इसके अलावा सभी बल्लेबाज ऑप स्पिनर सिकंदर रजा और डेब्यू मैच खेल रहे लेग स्पिनर ब्रेंडन मवूटा की स्पिन गेंदबाजी में उलझकर सस्ते में आउट हुए। बांग्लादेश 169 रन पर ऑल-आउट हो गई और जिम्बाब्वे यह मैच 151 रनों से जीत गई। रजा ने दूसरी पारी में भी 3 और मवूटा ने 4 विकेट झटके। मैच में 88, 20 रन की पारी खेलने वाले और साथ ही 1 विकेट झटकने वाले सीन विलियम्स को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
जिम्बाब्वे के लिए ऐतिहासिक(Stat) जीत-
यह जिम्बाब्वे की क्रिकेट इतिहास में घर के बाहर मात्र तीसरी टेस्ट जीत थी। उन्होंने अपने देश के बाहर आखिरी मैच 19 नवंबर 2001 को बांग्लादेश के खिलाफ चिट्टागोंग में जीता था। जिसको 17 साल बीत चुके हैं। जिम्बाब्वे की घर के बाहर तीनों जीते नवंबर के ही महीने में आई हैं। उन्होंने पहली जीत 30 नवंबर 1998 में पाकिस्तान के खिलाफ पेशावर में दर्ज की थी।