तीसरे वनडे में जिम्बाब्वे को 83 रनों से हराकर टीम इंडिया ने 3-0 से सीरीज अपने नाम कर ली
हरारे। तीसरे वनडे में जिम्बाब्वे को 83 रनों से हराकर टीम इंडिया ने 3-0 से सीरीज अपने नाम कर ली। अपनी शानदार 105 रनो की नॉट आउट पारी के लिए केधार जाधव को मैन ऑफ द मैच चुना गया और सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले अंबाति रायुडू को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। टीम इंडिया के 277 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की शुरुआत एक बार फिर खराब रही।
टीम को मसाकाडजा (7) के रूप में पहला झटका लगा। चीभाभा (82) ने एक बार फिर शानदार पारी खेली, लेकिन उनका साथ कोई अन्य बल्लेबाज नहीं दे पाया। वहीं टीम इंडिया के गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी कराते हुए जिम्बाब्वे को 42.4 ओवर में 193 रनों पर ऑलआउट कर दिया। भारतीय टीम की ओर से बिन्नी ने सबसे ज्यादा तीन विकेट झटके, जबकि मोहित शर्मा, हरभजन सिंह और अक्षर पटेल के हाथ दो-दो विकेट मिले। इसके अलावा एक विकेट मुरली विजय की झोली में गया।
इससे पहले भारत ने जिम्बाब्वे के सामने 277 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा था। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने लड़खड़ाती शुरूआत से उबरते हुए पदार्पण मैच खेल रहे मनीष पांडेय (71) और केदार जाधव (नाबाद 105) की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में पांच विकेट खोकर 276 रन बनाए।
फीकी शुरूआत के बाद जमाए पैर
कप्तान अजिंक्य रहाणे (15) और मुरली विजय (13) अभी क्रीज पर जमने की कोशिश कर ही रहे थे कि बदलाव के तौर पर शामिल किए गए नेविले मादजिवा ने प्रॉस्पर उत्सेया के हाथों 25 के कुल योग पर रहाणे को कैच आउट करवा दिया।
मादजिवा ने अपने अगले ही ओवर में मुरली को भी विकेट के पीछे कैच करवा भारत को दूसरा झटका दे दिया।
इसके बाद बल्लेबाजी क्रम में ऊपर बुलाए गए रोबिन उथप्पा (35) ने मनोज तिवारी (10) के साथ पारी को संभलकर आगे बढ़ाना शुरू किया, हालांकि तीसरे विकेट के लिए उनके बीच साझेदारी अभी 35 रन तक ही पहुंच पाई थी कि उत्सेया को उन्हीं की गेंद पर कैच थमा तिवारी चलते बने।
तिवारी के पीछे-पीछे उथप्पा भी 82 के कुल योग पर पवेलियन लौट गए। उथप्पा का कैच हैमिल्टन मास्कदजा की गेंद पर कप्तान एल्टन चिगुंबरा ने लपका।
मनीष केदार ने मिलकर बनाए 144 रन
शुरूआती चार अहम विकेट गंवाकर संकट में नजर आने लगी भारतीय टीम को इसके बाद मनीष और केदार ने संभाल लिया। दोनों बल्लेबाजों ने अगले 25.1 ओवरों में 5.72 के औसत से तेजी से 144 रनों की साझेदारी निभाई और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया। करियर के पहले ही मैच में अर्धशतक लगाने वाले मनीष की पारी 47वें ओवर में चामू चिभाभा ने रोकी। मनीष ने 86 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया।
केदार जाधव ने छक्का मारकर पूरा किया शतक
मनीष के जाने के बाद एक छोर पर जम चुके केदार ने अचानक तेवर बदले और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू कर दी। केदार ने अपनी शानदार शतकीय पारी में 87 गेंदों का सामना कर 12 चौके और एक छक्का लगाया तथा स्टुअर्ट बिन्नी (नाबाद 18) के साथ आखिरी के 19 गेंदों पर तूफानी अंदाज में 50 रन जोड़ डाले। केदार ने आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर छक्का लगाकर अपना शतक पूरा किया। वहीं जिम्बाब्वे के लिए मादजिवा ने दो और मास्कदजा, उत्सेया और चिभाभा ने एक-एक विकेट हासिल किया।