करोलबाग इलाके में रहते थे कारीगर
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित दंपत्ति की पहचान तिलकराज लूथरा और रीता लूथरा के रूप में हुई है। ये लोग करोलबाग के रैगरपुरा इलाके में रहने वाले कारीगरों से सोने के जेवरात बनवाते थे और ये सिलसिला करीब 20 साल से चल रहा था। लूथरा दंपत्ति का सोने के जेवरात का रोहणी इलाके में कारोबार है।
दिवाली के दिन लूथरा परिवार को मिलना था पूरा सोना
घटनाक्रम के मुताबिक, हर बार की तरह लूथरा दंपति ने करीब पांच किलो सोना जेवरात बनाने के लिए चारों पुराने कारीगरों को सौंपा था। 27 अक्टूबर यानी दिवाली वाले दिन ये जेवरात दंपति को मिलने थे। लूथरा दंपति एक और व्यापारी अर्पित गुप्ता के साथ जब जेवर लेने गया तो चारों कारीगर मौके से गायब थे और सबके मोबाइल भी बंद मिले।
फरार कारीगरों के रिश्तेदार भी हैं फरार
फरार हुए कारीगरों के रिश्तेदारों ने भी कोई खास जानकारी नहीं दी। कुछ रिश्तेदार तो घरों से ही गायब मिले। अंतत: परेशान होकर इस मामले में बुधवार को पीड़ितों ने करोलबाग पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।