नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि 2016 में 11,400 किसानों ने आत्महत्या की थी। लोकसभा में एक चर्चा के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि नेशन क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2016 में 11,400 किसानों ने आत्महत्या की, जबकि 2015 में आंकड़ा 12,602 था। यह भी पढ़ें..जल्द 2005 महात्मा गांधी सीरीज का 20 रुपए का नोट जारी करेगा आरबीआई कांग्रेस नेता की आलोचना उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्याओं को उनकी आय में वृद्धि के माध्यम से ही रोका जा सकता है। इसके लिए सरकार कृषि क्षेत्र में बजटीय आवंटन में वृद्धि जैसे आवश्यक कदम उठा रही है। इससे पहले, कांग्रेस के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों की अनदेखी को लेकर सरकार की आलोचना की। किसानों को दिया 3,548 करोड़ का क्लेम मंत्री ने कहा कि भाजपा ने 2014 के आम चुनाव से पहले कृषि उत्पाद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों को 1.5 गुना लागत का वादा किया था। उन्होंने कहा कि प्रीमियम फसल बीमा योजना के तहत 3,560 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। जबकि योजना के अंतर्गत किसानों के बीमा दावों के रूप में 3,548 करोड़ की रकम वितरित की गई। इसी तरह, 2015-16 में कुल 4,710 करोड़ रुपया वितरित किया गया। यह भी पढ़ें..पाक को झटका, अमरीका ने कहा आतंकियों का पनाहगार है पाकिस्तान बीमा कंपनियों के लिए निविदा जारी करें किसान फसल बीमा के प्रावधानों के तहत निजी कंपनियों को लाभ देने के आरोपों का जवाब देते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा कि हम इस समस्या का समाधान करने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। हमने राज्यों को लिखा है कि उन्हें बीमा योजना के तहत लाई जाने वाले फसलों को तय करना होगा। यदि वो निजी कंपनियों बीमा कंपनियों को लाभ नहीं देना चाहते तो इसके लिए निविदा जारी करे। उन्होंने कहा कि पंजाब और गुजरात सरकारें ऐसी कंपनियां बनाने जा रही हैं।