चार साल पहले घुसे थे भारत में उन्होंने कहा, ‘पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि वे बांग्लादेश के हैं और उन्होंने लगभग चार साल पहले बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश किया था। वह बेंगलूरु में मजदूर के रूप में कार्य करते हैं।’ दास ने कहा, ‘उनकी योजना अगरतला पहुंचने की थी, जहां से वह सीमा को पार कर बांग्लादेश लौट जाते।’ हिरासत में लिए 31 लोगों में 10 पुरुष, आठ महिलाएं, आठ लड़के और पांच लड़कियां शामिल हैं।
एनआरसी को लेकर पहले ही चल रहा विवाद उल्लेखनीय है कि असम और पश्चिम बंगाल जैसे बांग्लादेश के नजदीक वाले इलाकों में घुसपैठियों का मुद्दा लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। इन्हीं के चलते हाल ही में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रिजस्टर) का मसला भी सामने आया था। इसे लेकर देशभर में सियासी बवाल खड़ा हुआ है।