script5 साल की बच्ची के रेप के बाद चाकू घोंपकर हत्या, सच जानने के बाद शासन-प्रशासन से उठ जाएगा भरोसा | 5 year old girl murdered after rape in bihar | Patrika News

5 साल की बच्ची के रेप के बाद चाकू घोंपकर हत्या, सच जानने के बाद शासन-प्रशासन से उठ जाएगा भरोसा

Published: Mar 08, 2018 05:42:35 pm

Submitted by:

Sunil Chaurasia

आरोपी ने बताया कि पहले तो उसने बच्ची का बलात्कार किया और फिर उसके सिर में चाकू घोंप कर हत्या कर दी।

bihar
नई दिल्ली। इस साल 5 जनवरी को बिहार के गया से तीन बच्चियों का अपहरण कर लिया गया था। हालांकि 2 दिन बाद यानि 7 जनवरी को 3 में से 2 बच्चियां वापस अपने घर आ गई थीं, लेकिन 1 बच्ची अपने घर लौटकर नहीं आई। घर लौटी 2 बच्चों से की गई पूछताछ के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्त में आने के बाद पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की। जिसमें पता चला कि जो लड़की वापस अपने घर नहीं लौटी है, उसकी हत्या कर दी जा चुकी है।
आरोपी ने बताया कि पहले तो उसने बच्ची का बलात्कार किया और फिर उसके सिर में चाकू घोंप कर हत्या कर दी। बच्ची की हत्या करने के बाद जल्लाद ने उसका शव कुलपति आवास के पास झाड़ियों में फेंक दिया था। जिसके बाद पुलिस ने हत्यारे द्वारा बताई गई जगह पर जाकर बच्ची की लाश को अपने कब्ज़े में ले लिया था। पूरा मामला गया ज़िले के रामपुर थानाक्षेत्र में आने वाले गेवालबीघा नामक इलाके का है। जल्लाद की दरिंदगी का शिकार हुई तन्नू नाम की बच्ची सिर्फ 5 साल की थी। बच्ची की हत्या से सदमे में आए पिता ने बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए एक खास मुहिम छेड़ दी है।
बता दें कि बच्ची के पिता अपनी साईकिल के पीछे तन्नू की एक तस्वीर लगाकर घूमते हैं। तस्वीर पर लिखा है, ” मेरा कातिल अभी ज़िंदा है।” तन्नू के पिता का कहना है कि बच्ची के कातिल को फांसी की सज़ा मिलनी चाहिए। पुलिस इस मामले को लेकर गंभीरता न खो दे, इसलिए वे साईकिल पर तन्नू की तस्वीर टांगकर घूमते हैं।
जानकारी के मुताबिक बच्ची की लाश मिलने के बाद गांव वालों ने जमकर हंगामा काटा। बच्ची की हत्या से गुस्साए लोगों ने सड़कें जाम कर दीं और कई जगह आग लगा दीं। तन्नू के पिता का नाम संजय कुमार बताया जा रहा है, जो नगर निगम में एक ड्राइवर का काम करते हैं। संजय ने पुलिस के साथ-साथ मंत्री मंत्री प्रेम कुमार और वार्ड पार्षद पर भी संगीन आरोप लगाए हैं। संजय का कहना है कि मंत्री और पार्षद हत्यारे को बचाना चाहते हैं। इतना ही नहीं गांव के जो लोग बच्ची के इंसाफ के लिए लड़ रहे थे, पुलिस ने उन पर भी 13 मामले दर्ज कर लिए हैं। यही वजह है कि अब गांव का कोई भी व्यक्ति संजय और तन्नू की कोई मदद नहीं कर पा रहा।
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