इससे पहले पुलिस ने चोटी कटवा की जानकारी देने पर तीन लाख का इनाम रखा था। पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक चोटी काटने की घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति के बारे में सूचना देने या उसे पकड़वाने में सहायता करने की राशि दोगुनी कर छह लाख रुपये कर दी गई है। सूचना देने वाले शख्स या लोगों का नाम और अन्य जानकारी गोपनीय रखा जाएगा।
गौरतलब है कि चोटी काटने की घटना दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले से शुरू हुई थी और जल्द ही यह घाटी के मध्य व उत्तरी जिलों में फैल गई। इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पिछले हफ्ते पुलिस ने तीन लोगों को संदेह के आधार पर पकड़ा था, लेकिन कोई सबूत नहीं मिलने पर बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि इस घटना के पीछे कुछ सुरक्षाकर्मियों का भी हाथ हो सकता है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आदेश के बाद पुलिस ने इस रहस्य की जांच के लिए हर जिले में विशेष जांच टीमें गठित की हैं।
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक?
वहीं मामले में मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि लोग ध्यान अकर्षित करने के लिए ऐसा कदम उठा रहे हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है जिसका नाम मास हिस्टीरिया है। मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक गायब होने की शक्ति मिलने की अफवाह जैसे मैसेज इन घटनाओं को और बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर चोटी काटने की घटना से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं।
वहीं मामले में मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि लोग ध्यान अकर्षित करने के लिए ऐसा कदम उठा रहे हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है जिसका नाम मास हिस्टीरिया है। मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक गायब होने की शक्ति मिलने की अफवाह जैसे मैसेज इन घटनाओं को और बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर चोटी काटने की घटना से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं।