दरअसल पिछले साल 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से तलवार दंपति को बरी कर दिया था, जिसके बाद हेमराज की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी। इस पर जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस के.एम. जोसेफ की तीन जजों की बैंच ने कहा कि सीबीआई की अपील पर हेमराज की पत्नी की लंबित याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये फैसला सीबीआई की ओर से ऐसा कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं किए जाने के बाद सुनाया था, जिससे ये साबित होता हो कि आरुषि और हेमराज की हत्याएं तलवार दंपती ने की थी। हाईकोर्ट ने साथ ही सीबीआई जांच की खामियों की ओर भी इंगित किया था। इस मामले में सीबीआई की ओर से पेश हुए अडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने हेमराज की पत्नी की ओर से दायर याचिका को संदर्भित किया। इस पर कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की अपील को इसके साथ टैग किया जाएगा।
16 मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार में तलवार दंपती के घर पर आरुषि का शव उसके बेडरूम में पाया गया था. पुलिस को पहले घर के नौकर हेमराज पर आरुषि की हत्या का शक हुआ. लेकिन एक दिन बाद घर की छत से ही हेमराज का शव भी पुलिस को मिला. नोएडा पुलिस ने वारदात के बाद दिए बयान में तलवार दंपती पर शक जताते हुए कहा था कि आरुषि और हेमराज को च्आपत्तिजनक अवस्थाज् में देखने के बाद राजेश ने दोनों की हत्या कर दी।