आरोपी संदीप ने चिट्ठी में लिखा है कि ‘घटना वाले दिन उसकी पीड़िता से खेत में मुलाकात हुई थी। वहां पर उसके मां और भाई भी थे। उसके (पीड़िता) कहने पर मैं तुरंत घर चला गया और वहां अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिलाने लगा। कुछ देर बाद गांववालों से मुझे पता चला कि मेरी और पीड़िता की दोस्ती के कारण उसके (पीड़िता) भाई और मां ने उसे (पीड़िता) मारा-पीटा है। जिसके कारण उसे गंभीर चोटें आईं और बाद में वह मर गई। मैंने कभी भी पीड़िता तो मारा नहीं और न ही कोई गलत काम किया।’
मुख्य आरोपी संदीप के पिता ने कही थी ये बात उल्लेखनीय है कि करीब दो दिन पहले आरोपी संदीप के पिता ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा था कि उनके बेटे और पीड़िता के बीच फोन पर बातें होती थीं। हालांकि कोई बच्चा अपने पिता को ये सब बात नहीं बताता। मुझे ये बात तब पता चली थी जब लड़की के घरवालों ने मुझसे मेरे बेटे की शिकायत की थी। जिसके बाद मैंने अपने बेटे को पीटा भी था। लेकिन इसके बाद लड़की नहीं मानी। जिसके चलते ही उन लोगों ने अपनी लड़की की हत्या की है।