जबलपुर

बड़ी खबर: वकीलों को आंख दिखाने पर भी हो जाएगी जेल,मिलने वाला है ये अधिकार

वकीलों को आंख दिखाने पर भी हो जाएगी जेल,मिलने वाला है ये अधिकार
 

जबलपुरJun 26, 2018 / 11:33 am

Lalit kostha

Advocate Protection Act implemented in MP state

जबलपुर। सोमवार को सागर जिले में हुए वकीलों पर जानलेवा हमले के बाद प्रदेश भर की अदालतों में आज वकीलों ने कामबंद हड़ताल कर दी है। विरोध स्वरूप यह निर्णय मप्र हाईकोर्ट बाद काउंसिल ने सोमवार को लिया था। जिसके बाद मंगलवार को अदालतों में वकील पैरवी नहीं करेंगे। उल्लेखनीय है कि, वकीलों पर आए दिन होने वाले हमलों, जान से मारने की वारदातों को लेकर लंबे समय से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की जा रही है।

news fact- इसी सत्र में लागू होगा अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने दूसरे कार्यकाल में वकीलों की पंचायत बुलाकर इस एक्ट को मंजूरी देने का आश्वासन भी दिया था। किंतु चुनावी वादों की तरह ये बात भी आई गई हो गई। अब वकीलों ने एक बार फिर से कमर कस ली है। संभवत: इसी मानसून सत्र में इस एक्ट को लागू कर दिया जाएगा। जिसके बाद वकीलों से अभद्रता पूर्वक ऊंची आवाज में बात करना तो दूर आंख दिखाकर भी बात करने पर सजा हो सकती है।

विधानसभा में विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने राज्य में अधिवक्ताा प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में 12 अगस्त 2012 को अधिवक्ता पंचायत आयोजित हुई थी। इसमें मुख्यमंत्री ने एक्ट लागू करने का आश्वासन दिया था। जवाब में मंत्री रामपाल सिंह ने कहा कि एक्ट विधानसभा के इसी सत्र में पास किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। गृह विभाग को प्रोटेक्शन एक्ट बनाने के लिए विधि विभाग ने पत्राचार किया है। विभाग की ओर से सभी राज्यों को स्मरण पत्र लिखते हुए उनके राज्य में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया गया है या नहीं, इस सम्बंध में जानकारी मांगी गई थी।

क्या है एक्ट

प्रदेश के वकील अपने लिए जिस एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं, वह कमोबेश संशोधन के साथ यदि लागू हो गया, तो वकीलों को धमकी देना भी गैरजमानती अपराध हो जाएगा। इसके अलावा न्यायिक व्यवसाय करने वालों पर हमला, मारपीट, अपराधिक बल प्रयोग, डांट-डपट करना भी तीन माह के कारवास से दंडनीय व संज्ञेय अपराध माना जाएगा। प्रस्तावित एक्ट का स्वरूप कैसा होगा, हाईकोर्ट के निर्देश पर समिति गठित की गई है।

यह है एक्ट का मसौदा
2012 में स्टेट बार काउंसिल के तात्कालिक अध्यक्ष शिवेंद्र उपाध्याय ने एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट का यह मसौदा मप्र विधि व्यवसायी सुरक्षा विधेयक 2012 के नाम से तैयार किया था। इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था। इसकी धारा 3 में प्रावधान है कि वकीलों को धमकी देना, उन पर हमला, अपराधिक बलप्रयोग या डांट-डपट करना गैरजमानती अपराध माने जाएंगे। इसके लिए सजा का प्रावधान धारा 4 में किया गया है। इसके तहत धारा 3 में वर्णित किसी भी अपराध के लिए तीन माह सश्रम कारावास और, या दस हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है।

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