scriptखुलासा: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में 9 महिलाओं से हुआ था गैंगरेप | Amicus curiae tells HC 9 gangrape in murthal during Jaat riots | Patrika News

खुलासा: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में 9 महिलाओं से हुआ था गैंगरेप

Published: Oct 13, 2017 10:54:44 am

Submitted by:

Kapil Tiwari

हाईकोर्ट द्वारा जाट आरक्षण आंदोलन के गठित की गई एमिकस क्यूरी के सीनियर वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार नहीं चाहती इस मामली की सीबीआई जांच

murthal gangrape
चंडीगढ़: 22-23 फरवरी 2016 को जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा बुरी तरह से हिंसा की आग में झुलसा था। इस हिंसा के दौरान दिल्ली से सटे मुरथल इलाके में महिलाओं के साथ गैंगरेप की वारदातों को भी अंजाम दिया गया था। हालांकि अभी तक ये जांच का विषय था कि मुरथल में महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ था कि नहीं, लेकिन पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में बनाई गई एमिकस क्यूरी ने ये बताया है कि मुरथल में 9 महिलाओं के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था।
गैंगरेप की हुई थी 9 वारदात
एमिकस क्यूरी के सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 22-23 फरवरी की रात को मुरथल में 9 गैंग रेप हुए थे। एमिकस क्यूरी ने हरियाणा सरकार से इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि प्रकाश सिंह जांच आयोग के सदस्य और तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस अधिकारी विजय वर्धन में उन्हें बताया था कि मुरथल में कम से कम 9 गैंगरेप हुए थे।
अनुपम गुप्ता ने सीबीआई जांच की की है मांग
गुरुवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई शुरू की थी। अदालत में एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने जस्टिस एके मित्तल की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने बताया कि हरियाणा के पूर्व डीजीपी केपी सिंह ने बलात्कार के तथ्यों को स्वीकार किया था और उन्होंने पहले ही दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी के सदस्य आईएएस विजय वर्धन को गैंगरेप की जानकारी दे दी थी, लेकिन विजय वर्धन ने कोर्ट में इस जानकारी के होने से इनकार कर दिया था। इससे साबित होता है कि वह किसी न किसी दबाव में काम कर रहे थे। अनुपम गुप्ता ने इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर मुरथल गैंगरेप मामले की जानकारी देने के लिए विजय वर्धन को गाली देने और बेइज्जत करने का आरोप लगाया था।
6 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि मुरथल गैंगरेप मामले को लेकर हरियाणा सरकार का रुख नेगेटिव है, सरकार ये साबित करने में लगी हुई है कि मुरथल में कोई दुष्कर्म हुआ ही नहीं था। अनुपम गुप्ता के इन खुलासों के बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर तक के लिए टाल दी है।
‘सरकार नहीं चाहती गैंगरेप की हो सीबीआई जांच’
आपको बता दें कि मुरथल में हुई गैंगरेप की वारदातों के मामले में अभी तक कोई पीड़ित या फिर पीड़िता सामने नहीं आई है, ऐसे में जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। एडवोकेट गुप्ता ने कोर्ट में हरियाणा सरकार के दोहरे मापदंड को कोर्ट के सामने रखा। उन्होंने कहा कि मुरथल में सुखदेव ढाबा के मालिक अमरीक सिंह को इस घटना के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने जांच कर रहे एसआईटी के सदस्यों को कुछ भी नहीं बताया। अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि एक ओर जहां राज्य सरकार मुरथल गैंगरेप मामले की जांच सीबीआई से करवाने का विरोध कर रही है, वहीं दूसरी और जाट आंदोलन के दौरान आग के हवाले किए गए सरकार के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर और मुनक नहर में की गई तोड़फोड़ के मामलों की जांच CBI के हवाले कर चुकी है।
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