हजारों की संख्या में भीड़ उन पर हो गई थी हमलावर
यह घटना असम के दीमा हसाओ जिले के माहुर रेलवे स्टेशन की है। शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि उन तीनों साधुओं को बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने माहुर रेलवे स्टेशन के बाहर घेर लिया। जैसे ही इस बात की खबर वहां पर तैनात सेना और पुलिस अधिकारियों को मिली, वे घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने उन तीनों साधुओं को भीड़ के गुस्से से बचाकर सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हजारों की संख्या में जमी भीड़ को शक था कि वे साधु नहीं, बल्कि बच्चा चोर गिरोह के सदस्य हैं। इसलिए एक साथ पूरी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। अगर समय पर सेना के जवान और पुलिस नहीं पहुंचती तो वे उन्हें जान से ही मार डालते।
वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर भी डाल दिया
अधिकारी ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि भीड़ हिंसक हो गई थी। उसने उन साधुओं का सामान उठाकर फेंक दिया। इतना ही नहीं, उनका वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। इस वजह से तुरत-फुरत में भीड़ वहां जुट गई। इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने उप-अधीक्षक अमिताभ राजखोवा और पुलिस अधीक्षक प्रसंता सैकिया के नेतृत्व में वहां के समाज के विभिन्न समुदाय के प्रतिनिधियों की एक आपातकालीन बैठक बुलाई और उनसे अपील करने को कहा कि दीमा हसाओ इलाके में रहने वाले उनके समुदाय के लोग जिम्मेदाराना व्यवहार करें और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें।
कानून हाथ में नहीं लेने की अपील की
बैठक के बाद अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने लोगों से कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील की। अगर किसी की गतिविधि संदिग्ध लगती है तो वह कानून अपने हाथ में लेने के बजाय संबंधित अधिकारी को सूचना दे।
पिछले कुछ दिनों से जानलेवा बन गई हैं अफवाहें
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से पूरे पूर्वोत्तर के राज्यों में बच्चा चोरों के गिरोह के बारे में जोर-शोर से अफवाह फैल रही है। इस चक्कर में 8 जून को दो दोस्त पिकनिक करके कार्बी अंगलोंग से वापस लौट रहे थे तो गांववालों ने उन्हें बच्चा चोर समझ कर जान से मार दिया था। इसके बावजूद यहां अफवाह पर लगाम नहीं लग रहा है।