सोमवार को हुआ खुलासा
पुलिस कमिश्नर के फेक फेसबुक आईडी के मामले का खुलासा गत सोमवार हुआ, जब पिछले शुक्रवार को गुवाहाटी के दो युवाओं को बच्चा चोर होने के संदेह में कार्बी आंगलोंग में एक भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। उनके बच्चा चोर होने की जो खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, उसकी जांच की गई तो पाया गया कि यह अफवाह पुलिस कमिश्नर हीरेन नाथ के फेक फेसबुक आर्इडी से सबसे पहले उड़ी थी। इसकी जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर हीरेन नाथ ने कहा कि उनका कोई फेसबुक अकाउंट नहीं है।
35 लोग गिरफ्तार
असम के डीजीपी कुलधर सैकिया ने कहा कि भीड़ की ओर से पीट-पीटकर मार डालने के मामले में 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि अफवाह उड़ाने में नाबालिग भी शामिल हैं।
ये है पूरा मामला
असम के कार्बी आंगलॉन्ग जिले में सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ी थी कि नगालैंड-असम में एक बच्चा चोरों का गिरोह सक्रिय है। इसलिए इलाके के लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरे हुए थे। इसी डर के कारण कार्बी आंगलॉन्ग के एक दूरवर्ती इलाके में भीड़ ने पीट-पीटकर दो युवकों की जान ले ली। असम का कार्बी आंगलॉन्ग क्षेत्र नगालैंड से सटा हुआ है।
पीड़ितों की हुई पहचान
मामले की जांच कर रही राज्य की पुलिस ने बताया कि पीड़ितों की पहचान कर ली गई है। इनका नाम नीलोत्पल दास और अभिजीत नाथ है। वह जिले के डोकमोका क्षेत्र में काथिलांगसो झरने के पास गए थे और शुक्रवार की देर रात अपनी गाड़ी से वापस लौट रहे थे, तभी दोनों को बच्चा चुराने वाला समझकर भीड़ ने रोक लिया और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, भीड़ ने दोनों को गाड़ी से बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें बांध कर पीटने लगे. इस दरमियान दोनों युवक उनके सामने चिल्लाए-गिड़गिड़ाए कि वे असम के रहने वाले हैं। यहां घुमने आए हैं। उनका बच्चा चोरों के गिरोह से कोई संबंध नहीं है, लेकिन भीड़ ने उनकी एक न सुनी।
मुख्यमंत्री ने की निंदा
इस मामले को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने गंभीरता से लिया है। इतने बर्बर तरीके से हुई हत्या को देखकर वह आहत हो गए और मामला को संभालने के लिए असम पुलिस (कानून-व्यवस्था) के अतिरिक्त महानिदेशक मुकेश अग्रवाल को दोकमोका भेज दिया। इसके अलावा उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना भी प्रकट की।