नाबालिग है आरोपी लॉकडाउन के कारण पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी है। जगह-जगह पुलिस की बेरिकेडिंग लगी है और गहन चेकिंग हो रही है। इसी कड़ी में जालांधर के मिल्क चौक पर पुलिसकर्मियों ने एक गाड़ी को रुकने का इशारा किया। पुलिस ने जैसे ही इशारा किया तो युवक अपनी कार के बोनट पर एएसआई मुल्ख राज को घसीटता हुआ ले गया। एडिशनल एसएचओ गुरदेव सिंह ने तुरंत गाडी़ का पीछा किया और कुछ दूर जाने के बाद गाड़ी को रोका जा सका। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने एएसआई को बोनट से नीचे उतारा। वहीं, हमलावर की उम्र 19 साल बताई जा रही है। यानी कि वह एक नाबालिग है।
जानकारी जुटाने में जुटी पुलिस पुलिस ने तुरंत आरोपी नाबालिग को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ शुरू कर दी है। एसएचओ सुरजीत सिंह का कहना है कि आरोपित लड़का घर से बाहर क्यों आया था और उसने नाके पर रोके जाने के बावजूद गाड़ी क्यों भगाई, इन सबके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं, इस घटना के बाद आरोपी के परिजनों को भी थाने बुलाया गया है और सारी सच्चाई जानने की कोशिश की जा रही है।
पटियाला में पुलिसकर्मी की कटी थी कलाई गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले 12 अप्रैल को पंजाब के ही पटियाला ( Ludhiyana ) में एक पुलिसकर्मी का हाथ काट दिया गया था। दरअसल, पटियाला सनौर रोड स्थित सब्जी मंडी में जा रहे निहंग सिंहों को पुलिस ने रोका था। पुलिस ने उन सबसे कर्फ्यू पास मांगा। इसी बात पर निहंगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। कई पुलिस वाले घायल हो गए थे। इस हमले में एक एएसआई की कलाई कटकर अलग हो गई थी। इस हमले में थाना सदर प्रभारी बिक्कर सिंह और एक अन्य मुलाजिम भी घायल हो गए थी। कलाई कटने से जख्मी हुए एएसआई की हालत गंभीर होने के कारण पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया था। हालांकि, अब वह अपने घर लौट चुके हैं। लोगों ने उनका जमकर स्वागत किया था।
यूपी में भी पुलिसकर्मी पर हुए थे हमले इससे पहले लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के मुजफ्फरनगर में कुछ दंबगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था। जानकारी के मुताबिक, मोरना पुलिस चौकी प्रभारी लेखराज और 2 पुलिसकर्मियों रवि और जितेंद्र को कुछ लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। ये सभी आरोपी लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे थे, जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो दबंगों ने उनपर हमला बोल दिया। दबंगों पुलिसकर्मियों पर लाठी , डंडो, लोहे की रॉड और पत्थरों हमले किए। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इनके अलावा लॉकडाउन के दौरान कई और जगहों पर आम पब्लिक ने पुलिसकर्मियों पर हमले किए। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान जिस तरह पुलिसकर्मियों पर हमले वो रहे हैं, वह चिंता का विषय है। क्योंकि, अगर पुलिसकर्मी ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो जनता कहां से सुरक्षित रहेगी? साथ ही जिस तरह से उनके साथ अमानवीयता की जा रही है, उसने कहीं न कहीं इंसानियत को शर्मसार कर दिया है।