पुलिस टीम पर हमला जानकारी के मुताबिक, बेंगलुरू के पदारायणपुरा इलाके में कई मामले आने के बाद इलाके को सील किया गया था। लेकिन, जब यहां पुलिस की टीम कुछ संदिग्धों को क्वारंटाइन में भेजने के लिए पहुंची तो लोगों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। पहले लोगों ने बैरिकेड्स को हटा दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं, कुर्सी-टेबल से भी पुलिस टीम पर हमला किया गया। इस दौरान लोगों ने जमकर तोड़-फोड़ भी की। बताया जा रहा है कि 58 लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए पुलिस पहुंची थी। लेकिन, लोगों की नाराजगी और विरोध के चलते उन्हें 33 लोगों को छोड़कर ही वापस लौटना पड़ा। हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बी.रमेश का कहना है कि किसी भी स्वास्थ्यकर्मी पर हमला नहीं किया गया। केवल संपत्ति को कुछ नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि स्थानीय लोग ऑन द स्पॉट टेस्ट की मांग कर रहे थे।
‘घटना पर गरमाई सियासत’ इधर, घटना को लेकर 59 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। फिलहाल, पूरे मामले की छानबीन की जा रही हैै। वहीं, अब इस घटना पर सियासत भी गरमा गई है। जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बेंगलुरू की घटना पर रोष जताया है। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल अपराधियों के साथ गंभीर रूप से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आशा कार्यकर्ताओं, पुलिस या डॉक्टरों पर हमला करना बिल्कुल गलत है। इस तरह की घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं। यह शर्म की बात है। यह मायने नहीं रखता कि अपराधी किस समुदाय के हैं, हर किसी को दिशा निर्देशों और कानून का पालन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस तरह के हरकत कर रहे हैं उन्हें कठोर सजा मिलनी चाहिए।
वहीं, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि बेंगलुरू की घटना बेहद निंदनीय है। ऐसी घटनाओं को शायद कुछ राजनीतिक नेता या अन्य नेता उकसा रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने डीजीपी से इस घटना को गंभीरता से लेने और सख्त कदम उठाने को कहा है। इससे पहले सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि इस पूरे मामले पर राज्य सरकार ने अधिकारियों से सख्त एक्शन लेने को कहा है। गौरतलब है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।