लाश के पास जाकर डॉक्टरों ने किया पोर्टमार्टम
पुलिस ने बताया कि वैज्ञानिक के बच्चे की तलाश में कई दिनों से पुलिस जुटी थी। काफी दिनों की खोजबीन के बाद पुलिस को वैज्ञानिक के बेटे का शव सागरी समुंद्री तट पर मिला। पुलिस के मुताबिक शव ऐसी हालत में था कि उसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल नहीं ले जाया जा सकता था। इसलिए डॉक्टरों ने शव के पास जाकर उसका पोस्टमार्टम किया। बता दें कि शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं थे। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का पता लगाने की बात कही है।
मानसिक अवसाद का शिकार था नमन
बता दें कि मृतक नमन दत्त की मां चंद्र मूर्ति एक मनोचिकित्सक भी हैं। मां मूर्ति ने बताया कि उनका बेटा पिछले कुछ समय से डिप्रेशन (मानसिक अवसाद) का शिकार है, औऱ धीरे-धीरे से इससे उबर रहा था। पिछले हफ्ते परिवार में हुए एक मौत के चलते नमन काफी प्रभावित हुआ था। हालांकि मामले के एक अन्य संदिग्ध पहलू भी है वो ये कि अब तक भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के कई वैज्ञानिक गायब हुए हैं और संदिग्ध हालातों में मृत पाए गए हैं। साल 2010 में भाभा के ही वैज्ञानिक एम पद्मनाभन की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई थी। वहीं साल 2009 में कर्नाटक स्थित कैगा परमाणु रिएक्टर से जुड़े एक सीनियर इंजीनियर लोकनाथन महालिंगम की लाश काली नदी में मिली थी।