दो दिन पहले ही कोर्ट में किया था सरेंडर अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप में कई दिन से फरार रहीं मंजू वर्मा ने 20 नवंबर को कोर्ट के समक्ष सरेंडर कर दिया। मंजू वर्मा ने एक गाड़ी में तीन लोगों के साथ आकर चुपचाप बेगूसराय जिले के मंझौल न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। वह इजलास में आकर बेहोश हो गईं और थोड़ी देर बाद ही खड़ी भी हो गई थीं। बाद में उनके इलाज के लिए डॉक्टर को बुलाया गया था।
मंत्री पद से किया गया था बर्खास्त इससे पहले मंजू वर्मा पर उनकी पार्टी ने भी सख्त कार्रवाई की। जेडीयू ने मंजू वर्मा को हाल ही में उनके पद से भी बर्खास्त कर दिया था। मंजू वर्मा समाज कल्याण मंत्री थीं। उनकी वजह से लगातार उनकी पार्टी की भी किरकिरी हो रही थी, जिस वजह से उनके खिलाफ ये एक्शन लिया गया।
सरेंडर नहीं करती तो होती संपत्ति जब्त इससे पहले शुक्रवार सुबह बिहार पुलिस के एडीजी एसके सिंघल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा था कि अगर मंजू वर्मा जल्द आत्मसमर्पण नहीं करती हैं तो बिहार पुलिस उनकी संपत्ति जब्त करेगी। एडीजी का ये बयान उस वक्त आया जब मंजू की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट बिहार पुलिस को फटकार लगा चुका है।
क्या था मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड? आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 29 बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की सनसनीखेज घटना के खुलासे के बाद बिहार सहित पूरे देश में इस घटना की चर्चा हुई थी। वर्मा के घर से भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला था, जिसके संबंध में पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसके हाथ खाली थे।