कंपनी के मालिक और एक खेल पत्रकार समेत कई गिरफ्तार
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उसने कंपनी के मालिक राघवेंद्र श्रीनाथ के साथ एजेंट नरसिम्हामूर्ति, केसी. नागराज और प्रह्लाद को गिरफ्तार कर लिया है। इन लोगों के साथ बेंगलूरु के एक चर्चित खेल पत्रकार सूत्रम सुरेश को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सुरेश खेल से जुड़ी हस्तियों को पोंजी स्कीम में निवेश करने के लिए तैयार करता था। उसके कहने पर कई खिलाड़ियों ने इस कंपनी में निवेश किया है। कंपनी ने निवेशकों को 40 प्रतिशत तक का रिटर्न देने का वादा किया था। इतने ज्यादा रिटर्न की लालच में कई लोगों ने कंपनी में निवेश किया था।
पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में पता चला है कि निवेशकों में अपने अपने क्षेत्र के कई दिग्गज शामिल हैं। जांच अधिकारी बैंक खातों और दस्तावेज की जांच-पड़ताल में जुटे हैं। इस बीच, स्थानीय अदालत ने पोंजी स्कीम चलाने वाले आरोपियों को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
सारदा चिटफंड के बाद से सतर्क हुई जांच एजेंसियां
कुछ साल पहले पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। सारदा चिटफंड नामक कंपनी ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की थी। इसके बाद से सरकार इसे लेकर काफी सतर्क है। 2016 में संसदीय समिति ने पोंजी स्कीम से प्राप्त राशि के गलत उपयोग पर अंकुश लगाने की सिफारिश की थी। समिति ने सरकार से चिटफंड को लेकर सख्त कानून बनाने की भी सिफारिश की थी। वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने ऐसे फर्मो के खिलाफ समयबद्ध कठोर कार्रवाई करने की भी मांग की थी। इसके बावजूद देश के कई हिस्सों में पोंजी स्कीम के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने का धंधा चल रहा है। सरकार इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगा सकी है।