महादेवी ने घर में आभूषण तौलने वाली मशीन लगा रखी थी। वह सोने की चेनों को घर में गलाती थी और दंपती उसे गदग एवं कोप्पल में ले जाकर बेचा करते थे। उन्होंने बेंगलूरु के अतिरिक्त दावणगेरे, धारवाड़, हावेरी, गदग, तुमकूरु में भी चेन झपटमारी की घटनाओं को अंजाम दिया था।
31 वर्षीय अच्युत मूल रूप से हुबली जिले के कोलीवाड का निवासी है। कुछ महीने पूर्व ही उसने महादेवी से शादी की और खुद को एक जमीन व्यवसायी बताया। महादेवी को शादी के बाद पता चला कि अच्युत एक आपराधिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति है। महादेवी ने अच्युत से कहा कि उसके अपराध करने से उसे कोई परेशानी नहीं है लेकिन इसके वह भव्य जीवनशैली चाहती है। उसने अच्युत को पहले प्रतिदिन एक चेन झपटने का लक्ष्य दिया और बाद में उसे बढ़ाकर रोजाना का तीन कर दिया। पड़ोसियों को उनकी जीवनशैली पर कोई संदेह न हो इसके लिए उन्होंने बाद में अपना मकान भी बदल लिया।
पुलिस ने अच्युत को करीब एक महीने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। इस बीच, महादेवी को जब अच्युत की गिरफ्तारी का पता चला, तब वह बेंगलूरु से मंड्या जिले के नेलमंगला तालुक चली गई और खुद को काम वाली बताकर वहां के एक अनाथालय में शरण ले ली। पुलिस ने लम्बी छानबीन के बाद सोमवार को उसे गिरफ्तार किया और तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ।