मथुरा

खुलासाः मथुरा पुलिस के इनपुट से बच सकती थीं 100 से ज्यादा जिंदगी

-जहरीली शराब कांड से तीन महीने पहले मथुरा पुलिस ने हासिल की थी बड़ी कामयाबी
-3 अक्टूबर 2018 को 4 हजार लीटर कैमिकल किया था मथुरा पुलिस ने जब्त
-हरियाणा से मथुरा होकर ले जाया जा रहा था जहर।
 

मथुराFeb 20, 2019 / 09:08 pm

अमित शर्मा

खुलासाः मथुरा पुलिस के इनपुट से बच सकती थीं 100 से ज्यादा जिंदगी

मथुरा। यूपी और उत्तराखण्ड में जहरीली शराब से हुईं 100 से ज्यादा मौतों को टाला जा सकता था। इस कांड से करीब तीन महीने पहले मथुरा पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की थी। मथुरा पुलिस के इनपुट पर अगर बड़ी कार्रवाई होती तो जहरीली शराब से गईं 100 से ज्यादा जिंदगियों को बचाया जा सकता था।
फरह पुलिस ने भारी मात्रा में जहरीली शराब बनाने में प्रयोग किए जाने वाला कैमिकल स्प्रिट के साथ एक व्यक्ति को 3 अक्टूबर 2018 को पकड़ा था। पुलिस ने ही खुलासा किया था कि बरामद कैमिकल से करीब 96 लाख कीमत की जहरीली शराब बनाई जानी थी। पत्रकारवार्ता कर एसपी सिटी श्रवण कुमार सिंह ने बताया था कि सीओ रिफाइनरी विनय सिंह चैहान के नेतृत्व में थाना प्रभारी फरह राकेश कुमार एवं एसएसआई उदयवीर सिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक केंटर में अवैध शराब बनाने में प्रयोग करने वाला जहरीला कैमिकल दिल्ली से कानपुर जा रहा है। इस पर पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचकर चैकिंग शुरू कर दी। कुछ समय बाद तेजगति में आ रहे केंटर को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो केंटर में सवार तस्कर रात के अंधेरे में पुलिस को छकाने का प्रयास करने लगा। पुलिस ने घेराबंदी करके केंटर में सवार अल्लामेर पुत्र सरवर निवासी गन्नौर थाना गन्नौर जिला सोनीपत (हरियाणा) को दबोच लिया। पुलिस टीम ने पकड़े गए केंटर की तलाशी ली तो उसमें से जहरीली शराब बनाने में प्रयोग किए जाने वाला 4 हजार लीटर कैमिकल (स्प्रिट) बरामद हुआ। बरामद कैमिकल की तीव्रता 80 प्रतिशत निकली, जबकि सरकारी ठेकों पर बिकने वाली शराब में मिथाइल की तीव्रता 8 से 13 प्रतिशत होती है। इस लिहाज से बरामद कैमिकल से बनी हुई शराब का सेवन करने से लोगों के आंखों की रोशनी तो चली ही जाती। एसपी सिटी ने बताया था कि बरामद कैमिकल से करीब 96 लाख कीमत की जहरीली शराब तैयार की जाती और फिर उसे बेचा जाता तो बडी जनहानि हो सकती थी।
उसी दौरान पीछे कार में सवार होकर आ रहे इस गिरोह के सरगना राजेश उर्फ नन्हे पुत्र जिले सिंह निवासी रूखी थाना गुहाना जिला सोनीपत को पुलिस ने घेरा तो वह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेंट्रो कार और मोबाइल छोड़कर अंधेरे का लाभ उठाते हुए भागने में सफल हो गया। तत्कालीन एसएसपी बबलू कुमार ने पुलिस टीम को 20 हजार का इनाम देने की घोषणा की थी।
शराब का यह जखीरा मचा देता तबाही
जितनी बडी मात्रा में मथुरा पुलिस ने जिस तीव्रता की शराब को जब्त किया वह तबाही मचाने के लिए पर्याप्त थी। इस तीव्रता की 4 हजार लीटर शराब से भी बड़ी संख्या में जानें जा सकती थीं जिन्हें मथुरा पुलिस की सतर्कता ने टाल दिया।
हरियाणा से आ रही यूपी में मौत
राजस्थान और हरियाणा का सीमावर्ती जनपद होने से मथुरा तस्करों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि यहां शराब तस्करों की धरपकड़ ज्यादा होती है। हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तराखण्ड से शराब की तस्करी मथुरा होकर बडी मात्र्ाा में होती रही है।
सरगनाओं का संरक्षण
पुलिस की कार्यवाही में सबसे ज्यादा लोचा यही रहा है कि पुलिस छोटे प्यादों पर कार्यवाही करती रही है, सरगनाओं को राजनीतिक संरक्षण मिलने के चलते पुलिस भी अपने हाथ पीछे खींच लेती है। अगर मथुरा पुलिस के इनपुट पर कार्यवाही हुई होती तो इस बड़ी घटना को भी टाला जा सकता था।
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