आंगनबाड़ी में गड़बड़ी के खुलासे से पहले हत्या
1 जुलाई, 2018: बिहार में जमुई के बिछवे गांव के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता वाल्मीकि यादव (35) अपने दोस्त धर्मेद्र यादव (30) के साथ रविवार रात बाइक से सिकंदरा से गांव लौट रहे थे, तभी घात लगाए अपराधियों ने दोनों को गोली मार दी। गोली लगने से वाल्मीकी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि धर्मेद्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आरटीआई कार्यकर्ता वाल्मीकि के परिजनों ने बताया कि वे इन दिनों आंगनबाड़ी में अनियमितता को उजागर करने में लगे थे। वहीं सिकंदरा के थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने सोमवार को बताया कि पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नामजद आरोपी बिछवे ग्राम पंचायत के मुखिया कृष्णदेव रविदास और जेडीयू नेता सुरेश महतो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कई विभागों से जानकारी लेने के बाद हत्या
19 जून,2018: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पिपराकोठी थाना क्षेत्र में बदमाशों ने आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजेंद्र सिंह ने सरकारी विभागों में चल रहे घोटालों के खुलासे के लिए ढेर सारी जानकारी जुटा चुके थे और और जल्द ही खुलासा करने वाले थे। इस मामले में भी पुलिस ने पूर्व मुखिया को आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया है।
बिहार: आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या मामले में जेडीयू नेता समेत दो गिरफ्तार
एसएफसी गोदाम में गड़बड़ी के खुलासे से पहले हत्या
4 अप्रैल, 2018: बिहार में वैशाली के गोरौल थाने के इनायतनगर पंचायत भवन के पास आरटीआई कार्यकर्ता जयंत कुमार की बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वैशाली के पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि इस हत्या के पीछे राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के गोदाम में चल रही गड़बड़ी है। जयंत इस मामले का खुलासा करना चाहते थे, जबकि प्रखंड प्रमुख को यहां से अवैध कमाई हो रही थी, जिससे वे नाराज हो गए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मुन्ना राय समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो एसएफसी के ठेकेदार भी शामिल हैं।