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बिहार: जान का दुश्मन बना जानकारी का कानून,तीन महीने में तीन RTI कार्यकर्ताओं की हत्या

Published: Jul 02, 2018 06:10:54 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

बिहार में पिछले तीन महीने में तीन आरटीआई कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। हर केस में पुलिस ने माना कि मृतक किसी न किसी सरकारी भ्रष्टाचार की पोल खोलने की तैयारी में थे, लेकिन इससे पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया गया।

Bihar RTI activist

All India RTI activists Program in Lucknow on July 14

नई दिल्ली। केंद्र सरकार वर्ष 2005 में सरकारी योजानाओं में पारदर्शिता लाने के मकसद से एक क्रांतिकारी योजना लेकर आई, जिसे सूचना का अधिकार यानी आरटीआई कहा जाता है। राष्ट्र का हर नागरिक इस कानून के तहत हर तरह की जानकारी पाने का हक रखता है। देशभर में लाखों लोग सरकारी विभागों से जानकारियां लेते हैं लेकिन बिहार में आरटीआई इन दिनों मौत का कारण बना हुआ है। बिहार में पिछले तीन महीने में तीन आरटीआई कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। हर केस में पुलिस ने माना कि मृतक किसी न किसी सरकारी भ्रष्टाचार की पोल खोलने की तैयारी में थे, लेकिन इससे पहले ही उसे मौत के घाट उतार दिया गया।

आंगनबाड़ी में गड़बड़ी के खुलासे से पहले हत्या

1 जुलाई, 2018: बिहार में जमुई के बिछवे गांव के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता वाल्मीकि यादव (35) अपने दोस्त धर्मेद्र यादव (30) के साथ रविवार रात बाइक से सिकंदरा से गांव लौट रहे थे, तभी घात लगाए अपराधियों ने दोनों को गोली मार दी। गोली लगने से वाल्मीकी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि धर्मेद्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आरटीआई कार्यकर्ता वाल्मीकि के परिजनों ने बताया कि वे इन दिनों आंगनबाड़ी में अनियमितता को उजागर करने में लगे थे। वहीं सिकंदरा के थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने सोमवार को बताया कि पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नामजद आरोपी बिछवे ग्राम पंचायत के मुखिया कृष्णदेव रविदास और जेडीयू नेता सुरेश महतो को गिरफ्तार कर लिया गया है।

कई विभागों से जानकारी लेने के बाद हत्या

19 जून,2018: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पिपराकोठी थाना क्षेत्र में बदमाशों ने आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजेंद्र सिंह ने सरकारी विभागों में चल रहे घोटालों के खुलासे के लिए ढेर सारी जानकारी जुटा चुके थे और और जल्द ही खुलासा करने वाले थे। इस मामले में भी पुलिस ने पूर्व मुखिया को आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया है।

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एसएफसी गोदाम में गड़बड़ी के खुलासे से पहले हत्या
4 अप्रैल, 2018: बिहार में वैशाली के गोरौल थाने के इनायतनगर पंचायत भवन के पास आरटीआई कार्यकर्ता जयंत कुमार की बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वैशाली के पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि इस हत्या के पीछे राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के गोदाम में चल रही गड़बड़ी है। जयंत इस मामले का खुलासा करना चाहते थे, जबकि प्रखंड प्रमुख को यहां से अवैध कमाई हो रही थी, जिससे वे नाराज हो गए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मुन्ना राय समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो एसएफसी के ठेकेदार भी शामिल हैं।

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