ये है मामला बतादें कि पुरानी बस्ती मैहर निवासी गर्भवती अनुज कुमारी पति राजकुमार सेन को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया। वहां सर्जरी के बाद गर्भवती से एक-दूसरे से जुड़ी बच्चियों को जन्म दिया। जुड़ी नवजात को देख सर्जरी करने वाले चिकित्सक भी दंग हो गए। शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को ऑन-कॉल बुलाकर नवजातों को स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसके बाद जुड़ी नवजातों को एसएसीयू में दाखिल कराया गया।
28 घंटे बाद मेडिकल कॉलेज रेफर
एसएनसीयू के चिकित्सकों ने दाखिल करने के कुछ देर बाद ही एक-दूसरे से जुड़ी नवजातों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था, लेकिन परिजन आर्थिक तंगी का हवाला देकर तुरंत ले जाने को तैयार नहीं थे। चिकित्सकों ने परिजनों के सहमति जताते ही शुक्रवार शाम 5 बजे 108 एम्बुलेंस उपलब्ध कराकर नवजातों को जबलपुर भेजा।
एसएनसीयू के चिकित्सकों ने दाखिल करने के कुछ देर बाद ही एक-दूसरे से जुड़ी नवजातों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था, लेकिन परिजन आर्थिक तंगी का हवाला देकर तुरंत ले जाने को तैयार नहीं थे। चिकित्सकों ने परिजनों के सहमति जताते ही शुक्रवार शाम 5 बजे 108 एम्बुलेंस उपलब्ध कराकर नवजातों को जबलपुर भेजा।
आयुष्मान भारत योजना के तहत मिलेगा इलाज
सिविल सर्जन डॉ.एसबी सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत नवजातों को चिकित्सा मुहैया करायी जाएगी। इसके लिए उसके माता-पिता को शुक्रवार को सभी दस्तावेज बुलाकर पंजीयन किया गया। पीडि़त परिवार को हर हाल में योजना का लाभ दिलाया जाएगा। क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण परिवार बच्चियों का इलाज नहीं करा सकता है।
सिविल सर्जन डॉ.एसबी सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत नवजातों को चिकित्सा मुहैया करायी जाएगी। इसके लिए उसके माता-पिता को शुक्रवार को सभी दस्तावेज बुलाकर पंजीयन किया गया। पीडि़त परिवार को हर हाल में योजना का लाभ दिलाया जाएगा। क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण परिवार बच्चियों का इलाज नहीं करा सकता है।