scriptमध्यप्रदेश में एक-दूसरे से जुड़ी नवजात बेटियों का हुआ जन्म, दिल एक दिमाग दो !, अब आगे क्या… | Birth of Twin Daughters in satna district hospital | Patrika News
सतना

मध्यप्रदेश में एक-दूसरे से जुड़ी नवजात बेटियों का हुआ जन्म, दिल एक दिमाग दो !, अब आगे क्या…

मैहर के राजकुमार को हुई दो बेटियां, जांच के बाद होगा तय जबलपुर में इलाज संभव या नहीं

सतनाSep 15, 2018 / 11:28 am

suresh mishra

Birth of Twin Daughters in satna district hospital

Birth of Twin Daughters in satna district hospital

सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिला अस्पताल में एक प्रसूता ने एक-दूसरे से जुड़ी दो नवजात बेटियों को जन्म दिया है। चिकित्सकों की मानें तो यह अनोखा केस है। इस तरह के मामले बहुत कम आते है। ऑपरेशन के बाद पता चलेगा कि इनका दिल एक है या दिमाग दो है। बताया गया कि सतना जिला अस्पताल में गुरुवार को एक-दूसरे से गर्दन से लेकर पेट तक जुड़ी पैदा हुईं नवजातों को मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों ने बताया कि जांच के बाद तय किया जाएगा कि मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन संभव है या नहीं। जोखिम होने पर नवजातों को पीजीआई चंडीगढ़ या दिल्ली एम्स भी रेफर किया जा सकता है।
ये है मामला

बतादें कि पुरानी बस्ती मैहर निवासी गर्भवती अनुज कुमारी पति राजकुमार सेन को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया। वहां सर्जरी के बाद गर्भवती से एक-दूसरे से जुड़ी बच्चियों को जन्म दिया। जुड़ी नवजात को देख सर्जरी करने वाले चिकित्सक भी दंग हो गए। शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को ऑन-कॉल बुलाकर नवजातों को स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसके बाद जुड़ी नवजातों को एसएसीयू में दाखिल कराया गया।
28 घंटे बाद मेडिकल कॉलेज रेफर
एसएनसीयू के चिकित्सकों ने दाखिल करने के कुछ देर बाद ही एक-दूसरे से जुड़ी नवजातों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था, लेकिन परिजन आर्थिक तंगी का हवाला देकर तुरंत ले जाने को तैयार नहीं थे। चिकित्सकों ने परिजनों के सहमति जताते ही शुक्रवार शाम 5 बजे 108 एम्बुलेंस उपलब्ध कराकर नवजातों को जबलपुर भेजा।
आयुष्मान भारत योजना के तहत मिलेगा इलाज
सिविल सर्जन डॉ.एसबी सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत नवजातों को चिकित्सा मुहैया करायी जाएगी। इसके लिए उसके माता-पिता को शुक्रवार को सभी दस्तावेज बुलाकर पंजीयन किया गया। पीडि़त परिवार को हर हाल में योजना का लाभ दिलाया जाएगा। क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण परिवार बच्चियों का इलाज नहीं करा सकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो