ललित ने किया गलती का जिक्र
रजिस्टर में 11 नवंबर 2017 की तारीख में ललित ने परिवार के कुछ हासिल करने में विफल रहने के लिए किसी की गलती का जिक्र किया है। उसमें कहा गया है, धनतेरस आकर चली गयी। किसी की पुरानी गलती की वजह से कुछ हासिल होने से दूर हो गया। अगली दिवाली न मना सको। चेतावनी को नजरंदाज करने की बजाय गौर किया करो। ललित की ये बातें बता रही है कि एक गलती ने उन्हें मौत की नींद सुला दिया। साथ ही ये बात भी साफ इशारा कर रही है कि तंत्र-मंत्र इस केस से जुड़ा अहम पहलू है। पुलिस अपनी जांच की दिशा में इस पहलू पर विशेष ध्यान दे रही है।
फांसी ही है मौत की असली वजह
बुराड़ी कांड में 11 में से 10 लोगों की मौत के मामले के रहस्य से तो पर्दा उठ गया है। पुलिस को मंगलवार देर रात भाटिया परिवार के दस लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है। ललित की मां नारायणी देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि 10 लोगों की मौत फांसी लगने से हुई है। इनमें कुछ लोगों की गर्दन की हड्डी टूट गई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया कि नारायणी देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट एक-दो दिन में मिलने की संभावना है। इस मामले में अब पुलिस की कार्रवाई तेज होने की संभावना है।
फॉरेंसिंक जांच के लिए भेजी जाएगी विसरा
पुलिस एक-दो दिन में 11 लोगों के विसरा को फोरेंसिक जांच के लिए भेज देगी। दूसरी तरफ, दिल्ली पुलिस ने हैंडराइटिंग के नमूने एकत्र करना शुरू कर दिया, ताकि पता लगाया जा सके कि घर से जो रजिस्टर मिले हैं, वह किसने या फिर किस-किस ने लिखे थे।
आत्माओं की भी हुई पहचान
पुलिस का दावा है कि भाटिया हाउस से मिली डायरियों में जिन 5 आत्माओं का जिक्र मिला था, उनकी पहचान कर ली गई है। परिवार को डायरी में अंकित निर्देशों को न मानने की सजा मिली। पुलिस के मुताबिक, ‘आत्माएं’ ललित के पिता के अलावा 4 आत्माएं सज्जन सिंह, हीरा, दयानंद और गंगा देवी की थीं। सज्जन सिंह ललित के ससुर थे, हीरा प्रतिभा के पति, दयानंद और गंगा देवी ललित की बहन सुजाता के सास-ससुर थे, जिनकी मौत भी पिता की मौत के आसपास के समय में हुई थी।