परिवार की सामूहिक आत्महत्या ने देश भर में लोगों को सकते में डाल दिया है।
बुराड़ी केस: पुलिस का नया खुलासा, सामूहिक आत्महत्या के लिए ये शख्स था मास्टरमाइंड
नई दिल्ली। एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है। पुलिस ने दावा करते हुए कहा है कि परिवार के सदस्यों की मौत आत्महत्या थी और इसका मास्टरमाइंड मृतक भुवनेश का छोटा भाई ललित था। मौके पर मिले साक्ष्य और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने यह दावा किया। आलोक कुमार के अनुसार, “अब तक की जांच के आधार पर यह मामला आत्महत्या का ही लगता है। फिर भी हम अन्य पहलुओं की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौत वाली रात मृतक परिवार ने बाहर से बीस रोटियां मंगवाई थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोगों के पेट खाली थे। इसका मतलब यह कि कुछ लोगों ने खाना नहीं खाया था। हालांकि विस्तृत विसरा रिपोर्ट का पुलिस को इंतजार है और उसी के बाद वह अंतिम निर्णय पर पहुंचेगी”।
बुराड़ी में हुई 11 मौतों का रहस्य जानने के लिए पुलिस ने तांत्रिक से की पूछताछ, ऐसे हुआ संदेह निगम बोध घाट पर शवों को ले जाते वाहन IMAGE CREDIT: शैलेंद्र पांडेरजिस्टर में ललित की लिखावट! पुलिस को घटनास्थल से दो रजिस्टर भी मिले हैं। रजिस्टर के नोट्स से तंत्र-मंत्र का संदेह जताया जा रहा है। दोनों रजिस्टर में मौत और मोक्ष को लेकर एक कहानीनुमा लंबा लेख है, जिसमें किसी आध्यात्मिक गुरु का नाम नहीं है। पुलिस को घर से बरामद रजिस्टर में जो लिखावट मिली है, वह ललित की लिखावट से मेल खाती है। रजिस्टर में ललित ने लिखा है कि उसे अपने पिता सपनों में दिखते थे। रजिस्टर में लिखी बातों पर गौर करें तो सपने में दिखने वाले पिता ललित को जो कहते थे, वह वही करता था।
धार्मिक गुरु की तलाश पुलिस के अनुसार आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए जिम्मेदार धार्मिक गुरु की तलाश भी की जा रही है। इसका पता लगाने के लिए पुलिस मृतक परिवार के सम्बंधियों तथा पड़ोसियों से पूछताछ कर रही है।
मस्ती के मूड वाला परिवार कैसे पहुंचा आत्महत्या तक? पुलिस के अनुसार हाल ही में ललित की भांजी प्रियंका की सगाई हुई थी। उस सगाई की वीडियो फुटेज देखने पर ऐसा लगता है कि पूरा परिवार मस्ती के मूड में हो। पुलिस उस वीडियो फुटेज को गहराई से देखकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि खुशी से सराबोर परिवार अचानक कैसे आत्महत्या तक कैसे चला गया? पुलिस का अनुमान है कि अगर पूरा परिवार किसी धार्मिक बहकावे में था तो निश्चित तौर पर उसे बहकाने वाले धार्मिक संस्थान के गुरु अथवा ऐसा करने के लिए उकसाने वाले सगाई समारोह में जरूर शामिल हुए होंगे। आस-पड़ोस के लोगों की मानें तो परिवार राजस्थान के मेंहदीपुर बालाजी जाया करता था, जहां भूत-प्रेत सम्बंधी दिक्कतों का कथित तौर पर इलाज करने का दावा किया जाता है।
क्या है ग्यारह पाइपों की थ्योरी? जिस घर में ग्यारह लोगों की मौत हुई उसमें ग्यारह पाइप लगाने वाले मिस्त्री कमरपाल को पुलिस ने ढूंढ निकाला है। उसका कहना है कि उसने एक बार ग्यारह पाइप लगाने से मना कर दिया था, लेकिन ललित ने दलील दी कि घरवाले चाहते हैं कि पाइपों के जरिए घर में हवा आएगी। मिस्त्री ने खिड़की लगवाने की सलाह दी, लेकिन ललित अड़ा रहा तो उसने पाइप लगा दिए। मिस्त्री का दावा है कि इन पाइपों को लगाने के लिए एक लाख रुपए अब भी घरवालों पर बकाया है। आखिर इन पाइपों का क्या रहस्य है इसका भी पता लगाने में पुलिस जुटी है।
अंतिम संस्कार स्थल की कवरेज से रोका बता दें कि दिल्ली के निगम बोध घाट पर ग्यारह शवों का अंतिम संस्कार हुआ। अंतिम संस्कार किए जाने की प्रक्रिया के दौरान मीडिया को बाहर कर दिया।
अनसुलझे हैं कुछ सवाल क्राइम ब्रांच की टीम बेशक इसे आत्महत्या का मामला मान कर चल रही है लेकिन मृतक परिवार के लोग अब भी यह मानने को तैयार नहीं है। हालांकि कुछ सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब पुलिस को तलाशना बाकी है। जो शव जमीन पर पड़ा मिला, क्या उसने भी आत्महत्या की अथवा उसे गला घोंट कर मारा गया? बच्चों ने भी मर्जी से आत्महत्या की या फिर किसी और तरीके से उन्हें फंदे पर लटकाया गया?