आपको बता दें कि 11 सदस्यों की इस मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। रोजाना इस केस में नए-नए खुलासे हो रहे थे। दरअसल परिवार ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए मौत को गले लगा लिया था, लेकिन घर से मिली चीजों के देखकर ये शंका थी कि घर की सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी की हत्या की गई है। हालांकि अब सीबीआई की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी रिपोर्ट से ये साफ हो गया है कि सभी सदस्यों ने फांसी लगाकर खुदकुशी की थी।
आपको बता दें कि 11 सदस्यों की सामूहिक खुदकुशी के बाद घर से कई डायरियां बरामद हुई थीं, जिनमें मोक्ष प्राप्ती और भगवान से मिलने संबंधी बातें लिखी गई थी। ये सभी डायरियां घर का बेटा ललित ही लिखता था। हालांकि इस काम में उसकी भतीजी भी उसका साथ देती थी। डायरी लिखी बातों के मुताबिक पूरा परिवार ललित के मृत पिता का बातों का अनुसरण करता था। ललित को सपने में पिता दिखाई देते और बात भी करते थे।
दरअसल आत्महत्या के मामलों को सुलझाने के लिए साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मृतक की आत्महत्या के वक्त दिमागी हालत कैसी होगी, इस बात का पता लगाया जाता है। इस साईकोलॉजिकल ऑटोप्सी का इस्तेमाल पुलिस मर्डर मिस्ट्री सुनंदा पुष्कर मौत मामले में भी कर चुकी है। इसमें आत्महत्या से मरे व्यक्ति या व्यक्तियों के जीवन हाल-फिलहाल में चल रही घटनाओं पर स्टडी की जाती है। मृतक की पर्सनल जानकारियों जैसे मोबाइल के मैसेजेस, कॉल्स, डायरी, घर के सामानों की जांच, परिवार वालों और दोस्तों के मृतक के व्यवहार की जानकारी जैसी तमाम बातों का अध्ययन कर खुदकुशी की वजह पता की जाती है।