2002 गुजरात दंगा: पीएम नरेंद्र मोदी को मिले क्लीनचिट के खिलाफ याचिका, अब सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई
सीबीआई ने किया मनोज की जमानत का विरोध
सीबीआई की तरफ से पेश हुए एडवोकेट विक्रमजत बनर्जी और राजदीपा बेहूरा ने मनोज की जमानत याचिका का विरोध किया। दोनों ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में जांच महत्वपूर्ण चरण में है और मनोज का मामला अन्य आरोपी से अलग किस्म का है। उन्होंने कहा कि आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है और जमानत पर यदि उसे छोड़ा जाता है तो वह मामले की जांच को प्रभावित कर सकता है। वहीं मनोज ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि उसे हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है और आगे हिरासत में रखे जाने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होने जा रहा है।
मनोज प्रसाद के जरिए रिश्वत देने का आरोप
सीबीआई ने 15 अक्टूबर को सना सतीश बाबू से कथित रूप से दो करोड़ रुपए रिश्वत लेने के आरोप में अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोप है कि मांस कारोबारी मोईन कुरैशी के मामले को रफ-दफा करने के लिए दो बिचौलियों मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के जरिए दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। मनोज को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था