जांच एजेंसी की इस जवाब के बाद कोर्ट ने मामले में अपना फैसला आगामी 16 अक्टूबर को सुना सकती है।
नई
दिल्ली। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले के मामले में सीबीआई ने पूर्व प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह को क्लीन चिट दे दी है। सीबीआई ने इस मामले की सुनवाई कर रही पटियाला
हाउस की विश्ोष अदालत में कहा कि ऎसे कोई भी सबूत मनमोहन सिंह के खिलाफ नहीं मिले
हैं जिनसे ये साबित हो कि मनमोहन सिंह ने जिंदल ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए गलत
तरीके से कोल खदान का आवंटन किया है।
जांच एजेंसी की इस जवाब के बाद कोर्ट
ने मामले में अपना फैसला आगामी 16 अक्टूबर को सुना सकती है। इससे पूर्व सीबीआई ने
विशेष अदालत में आरोप लगाया था कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा पूरी तरह से झूठे
हैं और सबूतों से पता चलता है कि उन्होंने टूजी स्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटन के मुद्दे
पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गलत बातें बताकर उन्हें गुमराह किया
था।
उल्लेखनीय है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कोयला घोटाले के आरोपी
मधु कोड़ा ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री और कोयला मंत्री मनमोहन सिंह
ये नहीं कह सकते कि उनको अंधेरे में रख कर आवंटन किया गया। मनमोहन सिंह को सब कुछ
पता था। मधु कोडा ने स्पेशल कोर्ट से मनमोहन को कोयला घोटाले में बतौर आरोपी समन
जारी करने की मांग भी की थी।
सीबीआई ने झारखंड के बीरभूम के अमरकोंडा
मुर्गदंगल कोल ब्लॉक आवंटन मामले में 2013 में एफआईआर दर्ज की थी। जांच एजेंसी के
मुताबिक, आवंटन के लिए गलत जानकारियां दी गई थीं। चार्जशीट में 10 लोगों के अलावा 5
कंपनियों – जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड , जिंदल रियलटी प्राइवेट लिमिटेड, जिंदल
की ही गगन स्पांज प्राईवेट लिमिटेड और न्यू दिल्ली एक्जिम प्राईवेट लिमिटेड के
साथ-साथ सौभाग्य मीडिया लिमिटेड को आरोपी बनाया गया था।