ऐसे हुए था खुलासा
घोटाले में राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ-साथ सरकारी पदाधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका उजागर होने केबाद सीएम ने इस मामले को लेकर गंभीरता दिखाई है। सीएम ने इस सिलसिले में दर्ज कांडों समेत सम्पूर्ण प्रकरण की जांच व अनुसंधान हेतु मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई को सौंपने का निर्देश दे दिया। सीएम के निर्देश के बाद अब सरकार के संबंधित विभाग इस पूरे मामले की जांच के लिए आगे की कार्रवाई करेंगे। बता दें कि इससे पहले आरजेडी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीबीआइ जांच की मांग की गई थी। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने पृथ्वी दिवस पर आयोजित समारोह में इस इस गड़बड़ी का खुलासा किया था। इसके बाद उनके निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम को जांच के लिए हेलीकॉप्टर से भागलपुर भेजा गया व एसआइटी का भी गठन किया गया।
1000 करोड़ के गबन का मामला
इस मामले में अभी तक 6 से अधिक एफआईआर दर्ज करने के साथ ही 10 अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। वहीं इस पूरे मामले में अब तक करीब 1000 करोड़ के राशि के गबन का मामला सामने आया है। अब तक 10 को भेजा गया जेल गया है। इनमें प्रेम कुमार (डीएम के स्टेनो), बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व ब्रांच मैनेजर अरुण कुमार सिंह, अजय पांडेय (इंडियन बैंक के कर्मी), बंशीधर (फर्जी तरीके से बैंक स्टेटमेंट व पासबुक तैयार करनेवाला), राकेश यादव (नाजिर, जिला पर्षद), राकेश झा (नाजिर, भू-अर्जन), सरिता झा (सृजन की प्रबंधक), एससी झा (सृजन का ऑडिटर), अरुण कुमार (जिला कल्याण पदाधिकारी), महेश मंडल (नाजिर, कल्याण विभाग) आदि शामिल हैं।