…जब रिलायंस पर छापेमारी के बाद अटल सरकार ने सीबीआई डायरेक्टर पर की थी कार्रवाई
लालू यादव को एक और झटका, बेनामी संपत्ति प्रकरण में बेटी मीसा और दामाद की संपत्तियां अटैच
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने दाती महाराज मामले की जांच शुरू की थी। दाती महाराज पर उनकी ही एक शिष्या ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। दाती पर आरोप है कि उसने दिल्ली और राजस्थान स्थित अपने आश्रम में अपनी शिष्या का रेप किया था। इस केस के सामने आने के बाद 22 जून को पुलिस ने दाती महाराज उर्फ दाती मदनलाल से लगाए गए आरोपों को लेकर पूछताछ की थी। आपको बता दें कि दाती महाराज ने इन सभी आरोपों को गलत व निराधार बताया है।
भाजपा का साथ छोड़ना चाहते थे नीतीश? सुलह के लिए प्रशांत किशोर को भेजा था लालू के पास
इससे पहले मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही थी। दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव ने पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी थी। यह मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़ित महिला ने दिल्ली के शनिधाम न्यास के संस्थापक के खिलाफ उसके साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया। दिल्ली पुलिस ने मामले में एक अक्टूबर को दाती महाराज व अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। अदालत ने कहा कि सीबीआई एक अनुपूरक आरोपपत्र दाखिल कर सकती है। अदालत ने एजेंसी को तीन सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है।