2016 से लापता है नजीब
अदालत यहां अहमद की मां फातिमा नफीस द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई कर रही है। याचिका में फातिमा ने गुहार लगाई है कि पुलिस तथा दिल्ली सरकार को उनके बेटे को अदालत में पेश करने को कहा जाए। गौरतलब है कि एम. एस.सी. प्रथम वर्ष का छात्र अहमद 15 अक्टूबर 2016 को उसके और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों के बीच कथित रूप से विवाद होने के बाद लापता हो गया था। लेकिन, छात्र संगठन ने इस मामले में संलिप्तता से इंकार किया था।सीबीआई अधिवक्ता ने अदालत में यह भी बताया कि एक बार इस मामले की अंतिम रिपोर्ट लगाने पर भी विचार किया गया लेकिन एजेंसी अब तीन और पहलुओं से जांच करेगी।
मोबाइल की लॉक तोड़ने की कही बात
सीबीआई ने अदालत को बताया कि हैदराबाद स्थित फोरेंसिक प्रयोगशाला तीन फोन का निरीक्षण नहीं कर सकी क्योंकि उनमें से दो फोन टूट चुके थे तथा तीसरे का पैटर्न लॉक खुल नहीं सका। अहमद की मां के अधिवक्ता ने सीबीआई के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पैटर्न लॉक किसी भी सामान्य मोबाइल रिपेयरिंग दुकान पर 50 रुपये देकर खुलवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार ही नहीं किया जा सकता कि लोग चांद पर पहुंच सकते हैं लेकिन एक मोबाइल फोन का लॉक नहीं तोड़ सकते।