इसरो जासूसी कांड: गलत तरीके से फंसाए गए एसके शर्मा का निधन, जूझ रहे थे कैंसर से सीबीआई ने किया विरोध सीबीआई ने राकेश अस्थाना की याचिका रद्द करने का विरोध किया। CBI ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि राकेश अस्थाना के खिलाफ FIR संज्ञेय अपराध को दर्शाती है। बृहस्पतिवार को सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि राकेश अस्थाना और अन्य लोगों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में दर्ज प्राथमिकी संज्ञेय अपराध दिखाती है। एजेंसी ने प्राथमिकी रद्द करने की अस्थाना की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि इस स्तर पर रोविंग इंक्वायरी (विषय वस्तु से असंबद्ध) की इजाजत नहीं है। सीबीआई ने कोर्ट से यह भी कहा कि अस्थाना के खिलाफ जांच अभी शुरूआती दौर में है, विभिन्न दस्तावेजों और अन्य लोगों की भूमिकाओं की जांच की जा रही है। इसी संबंध में सीबीआई ने बताया कि वह असमर्थ है क्योंकि कुछ फाइल और दस्तावेज सीवीसी (केन्द्रीय सकर्तता आयोग) की निगरानी में हैं। बता दें कि राकेश अस्थाना ने अपने ऊपर दर्ज FIR को चुनौती दी है। अस्थाना पर रिश्वत लेने के आरोप में FIR दर्ज हुई है। गत सुनवाई में राकेश अस्थाना के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर लगी रोक को दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नवंबर तक बढ़ा दिया था। सीबीआई ने जांच टीम बदले जाने और मामले से जुड़ी फाइलों के CVC के पास होने का हवाला देकर जवाब दाखिल करने के लिए और 1 नंवबर तक के वक्त की मांग की थी।