आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान व्यापार और सैन्य सहायता के लिए चीन पर निर्भर है। 2015 में चीन ने 75 बिलियन डॉलर की लागत से पाकिस्तान में आर्थिक गलियारा सीपीईसी शुरू किया था। इस मदद से पाकिस्तान का बुनियादी ढांचा, सडक़ें और कई विकास परियोजनाएं चल रही हैं। दूसरी ओर बीआरआई (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) के जरिए चीन एशिया के दूसरे देशों पर डोरे डाल रहा है। एक पाक अधिकारी ने बताया, उन पर ऐसे मामलों की जांच नहीं करने का दबाव डाला जाता है।
इसी वर्ष फैसलाबाद की एक अदालत ने 31 चीनी नागरिकों को मानव तस्करी के आरोप से बरी कर दिया। जबकि अदालत में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान में ये मानव तस्करी का सबसे बड़ा मामला था। गवाही देने के लिए तैयार महिलाओं को धमकी देकर चुप करा दिया गया और पाकिस्तानी मीडिया भी इस पर चुप्पी साध गया। वजह साफ थी, निवेश और आर्थिक सहयोग कर रहे अपने मित्र से पाकिस्तान दुश्मनी नहीं चाहता।