चित्तौड़गढ़

सीआइडी सीबी ने दी दबिश तो वॉश बेसिन में उड़ेल दी अफीम, फिर क्या हुआ आप भी जानिए…

सीआइडी सीबी जयपुर व चित्तौडग़ढ़ पुलिस ने जिले के निम्बाहेड़ा क्षेत्र के गांवों में दो मकान पर दबिश देकर बड़ी मात्रा में अफीम, डोडा चूरा, मिलावट के काम आने वाला केमिकल, दो कार व २१ लाख रूपए जब्त कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

चित्तौड़गढ़Sep 21, 2020 / 07:39 pm

jitender saran

सीआइडी सीबी ने दी दबिश तो वॉश बेसिन में उड़ेल दी अफीम, फिर क्या हुआ आप भी जानिए…

चित्तौडग़ढ़
महानिरीक्षक पुलिस (अपराध) विजय कुमार सिंह ने बताया कि चित्तौडग़ढ़ में मादक पदार्थों की तस्करी के संबंध में तकनीकी एवं सूत्र सूचनाओं की पुष्टि होने के बाद पुलिस उप अधीक्षक सीआईडी सीबी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ के निर्देशन व पुलिस उप अधीक्षक सूर्यवीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में गठित टीम के पुलिस निरीक्षक रामसिंह, हेड कांस्टेबल दुष्यंत सिंह, सिपाही रामनिवास, मुकेश सिंह, विनोद कुमार व गंगाराम को कार्रवाई के लिए रवाना किया गया। टीम ने निम्बाहेड़ा सदर थाना पहुंचकर थाना प्रभारी फूलचंद टेलर को थाना क्षेत्र के भट्ट कोटड़ी निवासी उदयलाल पुत्र शंकरलाल धाकड़ व कारूण्डा निवासी हीरालाल पुत्र मदनलाल जाट के मकान और नोहरे में तलाशी के लिए सूचना दी।
पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि सीआइडी सीबी की सूचना पर सदर थाना निम्बाहेड़ा के प्रभारी टीम के साथ भट्ट कोटड़ी व द्वितीय थानाधिकारी नारूलाल मय जाप्ता कारूण्डा के लिए रवाना हुए। टीम ने भट्ट कोटड़ी में उदयलाल धाकड़ के मकान व नोहरे पर दबिश देकर वहां से ७ किलो ६८० ग्राम अफीम, ५.६७ क्ंिवटल डोडा चूरा, अफीम मेें मिलावट के काम आने वाला ५ किलो ३०० ग्राम मटमेला व ६५० ग्राम सफेद केमिकल पाउडर, एक कार व आठ लाख रूपए जब्त किए।
अफीम वॉश बेसिन में बहाने का प्रयास
इधर दूसरी टीम ने कारूण्डा गांव में हीरालाल जाट के मकान पर दबिश दी तो टीम को देखकर हीरालाल ने अफीम को रसोई के वॉश बेसिन में डालकर नल से पानी डाल दिया, लेकिन तुरंत ही टीम ने हीरालाल को काबू में करते हुए पानी में घुली हुई अफीम को केतलियों में भर लिया, जिसका वजन १२ किलो ५५ ग्राम हुआ। आरोपी के मकान से अफीम में मिलावट के काम आने वाला ५ किलो ९२० ग्राम केमिकल, बिना नंबरी कार व १३ लाख रूपए जब्त किए गए हैं। पुलिस ने हीरालाल जाट व उदयलाल धाकड़ को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया गया है।
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